पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब सबकी निगाहें विधानसभा के भीतर होने वाली राजनीतिक जोर-आजमाइश पर टिक गई हैं. सदन में वो कौन सी तारीखें होंगी जब सत्ता और विपक्ष पहली बार आमने-सामने होंगे और विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर किसका कब्जा होगा? इसका पूरा कार्यक्रम अब सामने आ गया है.
राज्यपाल के अभिभाषण से होगी शुरुआत
बिहार की नई विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगा. यह सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण होने वाला है. सत्र के पहले दिन की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू होगी. इस अभिभाषण में राज्य सरकार की आने वाली नीतियों, योजनाओं और प्राथमिकताओं की एक झलक पेश की जाएगी. यह एक पारंपरिक और संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से सरकार सदन के पटल पर अपना एजेंडा रखती है.
2 दिसंबर को होगा अध्यक्ष का चुनाव
इस पांच दिवसीय सत्र का सबसे महत्वपूर्ण दिन 2 दिसंबर होगा, जब विधानसभा के नए अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव किया जाएगा. विधानसभा अध्यक्ष का पद सदन की कार्यवाही के संचालन के लिए बेहद अहम होता है और इस पर किसका कब्जा होगा, यह सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल होता है. इस चुनाव के साथ ही सदन को अपना नया संरक्षक मिल जाएगा, जो अगले पांच वर्षों के लिए विधायी कार्यों का मार्गदर्शन करेगा.
धन्यवाद प्रस्ताव पर होगी तीखी बहस
सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा. इस प्रस्ताव पर सदन में एक विस्तृत वाद-विवाद होगा, जिसमें विपक्ष को सरकार की नीतियों की आलोचना करने का और अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा. यह बहस नई सरकार के लिए पहली अग्निपरीक्षा की तरह होगी. वाद-विवाद के बाद 4 दिसंबर को सरकार की ओर से इस बहस का जवाब दिया जाएगा. इस जवाब के माध्यम से सरकार अपनी नीतियों का बचाव करेगी और विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का उत्तर देगी.
सत्र का संक्षिप्त कार्यक्रम:
- सत्र की अवधि: 1 दिसंबर से 5 दिसंबर
- राज्यपाल का अभिभाषण: सत्र के पहले दिन
- विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव: 2 दिसंबर
- धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस और सरकार का उत्तर: 4 दिसंबर







