Bihar Board की डिजिटल पहल: DVS सॉफ्टवेयर क्या है?
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने शिक्षा प्रशासन को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। बोर्ड ने दस्तावेज़ सत्यापन व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह एक ऐसा कदम है जो शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और गति लाने का काम करेगा।
बोर्ड द्वारा विशेष रूप से विकसित और लॉन्च किया गया नया डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम (DVS) सॉफ्टवेयर अब मैट्रिक, इंटर सहित अन्य सभी परीक्षाओं के दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया को आसान बना देगा। यह सॉफ्टवेयर शिक्षा विभाग और बोर्ड से संबंधित अधिकारियों को वास्तविक समय में दस्तावेजों की प्रामाणिकता जांचने में मदद करेगा।
इस प्रणाली के लागू होने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के प्रयोग पर भी प्रभावी ढंग से लगाम लगाई जा सकेगी। यह ऑनलाइन दस्तावेज़ सत्यापन की दिशा में एक बड़ा और स्वागत योग्य कदम है, जिससे शिक्षा क्षेत्र में विश्वसनीयता बढ़ेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
DVS सॉफ्टवेयर के माध्यम से, आवेदन करने वाले छात्रों या संबंधित संस्थानों को अब दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन के लिए बोर्ड कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में संपादित की जाएगी, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले लोगों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा।
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
यह सॉफ्टवेयर एक केंद्रीकृत डेटाबेस पर आधारित है, जहाँ सभी संबंधित शैक्षणिक रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेंगे। जब भी किसी दस्तावेज़ के सत्यापन की आवश्यकता होगी, अधिकारी सीधे इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से उसकी जांच कर सकेंगे। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह पहल शिक्षा विभाग और सरकारी विभागों के बीच समन्वय को भी मजबूत करेगी। विभिन्न विभागों को अब दस्तावेजों के सत्यापन के लिए अलग-अलग प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना होगा, बल्कि DVS सॉफ्टवेयर एक एकीकृत मंच प्रदान करेगा। यह ऑनलाइन दस्तावेज़ सत्यापन को एक नया आयाम देगा।
इस डिजिटल क्रांति से बिहार की शिक्षा प्रणाली में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए अधिक सुलभ और पारदर्शी होगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह तकनीक न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि छात्र-छात्राओं को भी अनावश्यक परेशानियों से मुक्ति दिलाएगी।



