Bihar Board ISO Certification: बिहार शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा गया है। सोचिए, एक ऐसा शिक्षा बोर्ड जो सिर्फ परीक्षाएं नहीं कराता, बल्कि अपनी कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतारकर देश के सामने एक मिसाल पेश करता है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने यही कर दिखाया है, तीन-तीन ISO प्रमाणपत्र हासिल कर यह देश का पहला राज्य बोर्ड बन गया है।
बिहार बोर्ड को मिला ISO सर्टिफिकेट: शिक्षा में ऐतिहासिक पहल और देश का पहला राज्य बोर्ड बनने का गौरव
बिहार बोर्ड ISO Certification: पारदर्शिता और गुणवत्ता की नई मिसाल
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है, जहां उसे तीन प्रतिष्ठित ISO प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं। इन प्रमाणपत्रों में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (Quality Management System), सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (Information Security Management System) और रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली (Record Management System) शामिल हैं। इस उपलब्धि के साथ, बिहार बोर्ड ISO सर्टिफिकेशन हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बोर्ड बन गया है। समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बिहार बोर्ड की ओर से इन महत्वपूर्ण प्रमाणपत्रों को औपचारिक रूप से स्वीकार किया। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार और नवाचारों के लिए आनंद किशोर को पहले ही प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
आधुनिक तकनीक के उपयोग से किए गए परीक्षा सुधारों का ही परिणाम है कि बिहार बोर्ड पिछले सात वर्षों से लगातार देश में सबसे पहले मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के परिणाम जारी कर रहा है। कार्यप्रणाली में सुधार, प्रक्रियाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के चलते ही समिति को यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। ISO प्रमाणपत्र मिलने के पीछे रिकॉर्ड प्रबंधन, सूचना सुरक्षा और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है। समिति ने वर्ष 1983 से लेकर 2025 तक के मैट्रिक और इंटर के सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है, जिससे पुरानी फाइलों को खंगालने की बजाय सब कुछ एक क्लिक पर उपलब्ध हो।
इसके साथ ही, बोर्ड को पूरी तरह से पेपरलेस बनाकर आईटी और कंप्यूटरीकरण के माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। रिकॉर्ड रूम को आधुनिक बनाया गया है और ऑफ़लाइन रिकॉर्ड संधारण की व्यवस्था भी बेहतर की गई है, जिससे किसी भी तरह की जानकारी आसानी से मिल सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसके अलावा, समिति के सभी कार्यों को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत करने के लिए ERP (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम) लागू किया गया है। अकादमिक, वित्त, मानव संसाधन, विधि, सतर्कता, शिकायत निवारण और सामग्री प्रबंधन जैसे विभिन्न मॉड्यूल्स के जरिए कार्यों को तेज और पारदर्शी बनाया गया है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। बिहार बोर्ड की यह उपलब्धि शिक्षा प्रशासन में सुधार और तकनीकी नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है।
शिक्षा प्रशासन में तकनीकी नवाचार और भविष्य की दिशा
यह प्रमाणन सिर्फ एक कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि बिहार बोर्ड की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो छात्रों और अभिभावकों के लिए एक बेहतर, पारदर्शी और कुशल परीक्षा प्रणाली बनाने की दिशा में काम कर रही है। आने वाले समय में यह उम्मीद की जा रही है कि बिहार बोर्ड की यह पहल अन्य राज्य बोर्डों को भी इसी तरह के सुधारों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे पूरे देश में शिक्षा प्रशासन के स्तर में सुधार आएगा। बिहार बोर्ड की इस सफलता से यह स्पष्ट है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और तकनीकी नवाचार के माध्यम से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।


