Bihar Board Exam Online | पटना से बड़ी खबर…बिहार की परीक्षा व्यवस्था में एक ऐसे बदलाव की नींव रखी जा रही है, जो आने वाले समय में लाखों छात्रों के इम्तिहान देने का तरीका बदल सकता है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) अब सिर्फ OMR शीट और कॉपियों की पारंपरिक व्यवस्था तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि एक बड़े डिजिटल बदलाव की ओर कदम बढ़ा रही है.
क्यों हो रहा है ऑनलाइन परीक्षा पर फोकस?
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अब पारंपरिक ऑफलाइन परीक्षाओं के साथ-साथ ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली को भी बड़े पैमाने पर लागू करने की तैयारी में है. सूत्रों के अनुसार, बोर्ड का लक्ष्य परीक्षा आयोजन की प्रक्रिया को और अधिक आधुनिक, पारदर्शी और कुशल बनाना है. ऑनलाइन सिस्टम से न केवल मूल्यांकन प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि मानवीय त्रुटियों की संभावना भी काफी कम हो जाएगी.
यह कदम राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न के अनुरूप भी है, जहाँ कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) एक मानक बन चुका है. बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं, जैसे- शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET), ओलंपियाड और अन्य विभागीय परीक्षाओं को भविष्य में पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में शिफ्ट किया जा सकता है.
परीक्षा केंद्रों की क्षमता बढ़ाने की तैयारी
इस बड़ी योजना को हकीकत में बदलने के लिए सबसे ज़रूरी है मज़बूत इंफ्रास्ट्रक्चर. इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार बोर्ड अपने ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की क्षमता का विस्तार करने पर ज़ोर-शोर से काम कर रहा है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक ही समय में हजारों छात्र बिना किसी तकनीकी रुकावट के परीक्षा दे सकें.
बोर्ड का यह कदम परीक्षा प्रणाली में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है, जैसे:
- परीक्षा परिणामों की घोषणा में लगने वाले समय में कमी.
- प्रश्नपत्र लीक जैसी घटनाओं पर प्रभावी रोक.
- उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में होने वाली गड़बड़ियों का अंत.
- परीक्षा प्रक्रिया की बेहतर और केंद्रीकृत निगरानी.
छात्रों के लिए क्या बदल जाएगा?
बोर्ड के इस कदम का सीधा असर प्रदेश के लाखों छात्रों पर पड़ेगा. जहाँ शहरी क्षेत्रों के छात्र कंप्यूटर आधारित टेस्ट से परिचित हैं, वहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को शुरुआत में इसके साथ तालमेल बिठाने की ज़रूरत होगी. हालांकि, यह बदलाव उन्हें भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करेगा. आने वाले समय में छात्रों को पेन-पेपर के साथ-साथ कंप्यूटर पर भी परीक्षा देने के लिए अभ्यस्त होना होगा. यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.







