पटना | बिहार में औद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित करते हुए बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024 के दूसरे दिन राज्य ने 1.8 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया। उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में कई प्रमुख औद्योगिक समूहों ने राज्य में निवेश के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
निवेश का आंकड़ा तीन गुना बढ़ा
उद्योग मंत्री ने बताया कि यह निवेश पिछले साल के 53,000 करोड़ रुपये की तुलना में तीन गुना से भी अधिक है। उन्होंने कहा, “बिहार में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला है।”
प्रमुख निवेशक और उनके प्रस्ताव
- अडानी समूह:
- 29,700 करोड़ रुपये का निवेश।
- अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट, सीमेंट उत्पादन, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स।
- सन पेट्रोकेमिकल्स:
- 36,700 करोड़ रुपये का निवेश।
- पंप हाइड्रो और सोलर प्लांट सहित अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं।
- राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसी):
- 5,500 करोड़ रुपये का निवेश।
- अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर फोकस।
- एसएलएमजी बेवरेजेज:
- 3,000 करोड़ रुपये।
- खाद्य प्रसंस्करण।
- श्री सीमेंट्स:
- 800 करोड़ रुपये।
- सामान्य विनिर्माण।
- हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड:
- 300 करोड़ रुपये।
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र।
बिहार को निवेश के लिए क्यों चुना जा रहा है?
उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने कहा कि बिहार ने अपनी नीतियों में सुधार और निवेशकों के अनुकूल माहौल तैयार किया है। उन्होंने कहा कि यह सफलता राज्य में औद्योगिक विस्तार और रोजगार सृजन के लिए एक मील का पत्थर है।
निवेश से संभावित प्रभाव
- रोजगार के नए अवसर:
इतने बड़े निवेश से लाखों रोजगार के अवसर सृजित होंगे। - औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास:
अक्षय ऊर्जा, विनिर्माण और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में प्रगति। - स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा:
राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार और निर्यात में वृद्धि।
बिहार का बढ़ता औद्योगिक महत्व
यह सम्मेलन राज्य के औद्योगिक पुनरुत्थान का संकेत है। बिहार सरकार के इस प्रयास ने राज्य को बड़े निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बना दिया है।
नीतीश मिश्र ने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि बिहार न केवल कृषि में बल्कि उद्योग और पर्यटन में भी अग्रणी बने।”