Bihar Cold Wave: जीवन के हर रंग को अपने आंचल में समेटे बिहार में इन दिनों प्रकृति का एक और ही रूप दिख रहा है। सर्द हवाएं ऐसी कि शरीर को भेदती चली जाएं, और घना कोहरा ऐसा कि सूरज की किरणें भी रास्ता भटक जाएं। हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
Bihar Cold Wave: पारा गिरा, जनजीवन थमा
बिहार इस समय हाड़ कंपा देने वाली ठंड और घने कोहरे की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का सीधा असर राज्य के मैदानी जिलों में देखने को मिल रहा है। बर्फीली पछुआ हवाओं ने कनकनी को इस कदर बढ़ा दिया है कि दिन में भी सूरज बादलों के पीछे छिपा रहता है। सुबह और शाम के समय घना कोहरा इतना होता है कि दृश्यता कई मीटर तक कम हो जाती है, जिससे आवागमन पर गहरा असर पड़ा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
किसानों के लिए भी यह मौसम किसी चुनौती से कम नहीं है। रबी की फसलों पर पाले का खतरा मंडरा रहा है, वहीं पशुओं को भी ठंड से बचाना मुश्किल हो रहा है। शहर से लेकर गांव तक, हर कोई ठंड से बचने के लिए अलाव और हीटर का सहारा ले रहा है।
ठंड से बचने के लिए क्या करें?
राज्य भर में कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस ली है। कई जिलों में स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है, ताकि छोटे बच्चों को ठंड के प्रकोप से बचाया जा सके। सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है, जिससे राहगीरों और जरूरतमंदों को थोड़ी राहत मिल सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
चिकित्सकों ने लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। गर्म कपड़े पहनने, ताजा और गर्म भोजन करने, तथा अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाना अत्यंत आवश्यक है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग ने ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं जताई है। अगले कुछ दिनों तक घना कोहरा और शीतलहर जारी रहने का अनुमान है। ऐसे में लोगों को अभी और सतर्क रहने की जरूरत है। यह ठंड का दौर कब तक चलेगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन फिलहाल इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


