Bihar Crematorium: जीवन का अंतिम सत्य है मृत्यु, और उसकी गरिमापूर्ण विदाई के लिए अब बिहार सरकार ने कमर कस ली है। राज्य में अंतिम संस्कार की सुविधाओं को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने के लिए ‘7 निश्चय’ योजना के तहत एक बड़ी पहल की गई है।
Bihar Crematorium: 241 करोड़ से बन रहे 41 आधुनिक शवदाह गृह, पटना में मिलेगा पहला हाईटेक श्मशान
बिहार में अंतिम संस्कार की सुविधाओं को नया आयाम देने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ‘7 निश्चय’ योजना के तहत 241.71 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेशभर में कुल 41 अत्याधुनिक शवदाह गृहों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से कई परियोजनाएं अब पूर्णता की ओर हैं, जबकि कुछ का कार्य पहले ही संपन्न हो चुका है। यह पहल उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है जो अक्सर अंतिम संस्कार के दौरान अव्यवस्थित और अपर्याप्त सुविधाओं से जूझते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन नए शवदाह गृहों से न केवल प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
बिहार श्मशान घाट: अंतिम यात्रा को मिलेगी नई गरिमा
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों में आधुनिक एवं सुसज्जित अंत्येष्टि स्थल उपलब्ध कराना है। पटना को राज्य का पहला अत्याधुनिक और सुविधा संपन्न आधुनिक श्मशान घाट मिलने जा रहा है, जो गैस आधारित दाह संस्कार प्रणाली और अन्य सुविधाओं से लैस होगा। यह कदम बिहार को आधुनिकता की ओर ले जाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर कोने में ऐसी व्यवस्था हो, जहाँ लोग अपने प्रियजनों को सम्मानजनक ढंग से अंतिम विदाई दे सकें।
नदियों के किनारे शवदाह गृहों का आधुनिकीकरण
कई जगहों पर नदियों के किनारे स्थित पारंपरिक श्मशान घाटों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। नए शवदाह गृहों में वेटिंग हॉल, पीने के पानी की व्यवस्था, हरियाली और उचित प्रकाश व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। यह पहल न केवल मृतक के परिजनों को एक शांत और स्वच्छ वातावरण प्रदान करेगी बल्कि भीड़भाड़ और प्रदूषण की समस्या को भी कम करने में सहायक होगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
परियोजना का सामाजिक प्रभाव
इन 41 शवदाह गृहों का निर्माण राज्य में एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लाएगा। यह न केवल अंतिम संस्कार की पारंपरिक प्रथाओं को आधुनिकता से जोड़ेगा, बल्कि स्वच्छता और स्वास्थ्य मानकों को भी ऊपर उठाएगा। सरकार की यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सुविधाओं की खाई को पाटने का काम कर रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इससे स्थानीय निकायों पर भी बोझ कम होगा और वे अन्य विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। आधुनिक श्मशान घाट जैसी सुविधाएँ आम जनता के लिए बेहद आवश्यक हैं, खासकर संकट के समय में।




