बिहार न्यूज़: सूबे में अवैध बालू खनन और जमीन हड़पने वाले माफियाओं की अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी के एक कड़े निर्देश के बाद, इन संगठित गिरोहों की कमर तोड़ने के लिए विशेष तैयारी की गई है। अब सिर्फ आपराधिक गतिविधियां ही नहीं, बल्कि उनके वित्तीय साम्राज्य पर भी सीधा वार होगा।
बिहार सरकार ने राज्य में अवैध रेत खनन और भूमि माफियाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का मन बना लिया है। इसी कड़ी में, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी के सीधे निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एक विशेष कार्यबल (STF) का गठन किया है। इस एसटीएफ का मुख्य उद्देश्य इन माफियाओं के वित्तीय नेटवर्क को ध्वस्त करना है, जो लंबे समय से राज्य में समानांतर अर्थव्यवस्था चला रहे हैं।
इस महत्वपूर्ण एसटीएफ की कमान पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) मानवजीत सिंह ढिल्लों को सौंपी गई है। ढिल्लों के नेतृत्व में यह विशेष टीम संगठित अपराधों पर लगाम लगाने और उनके आर्थिक स्रोतों को सुखाने के लिए व्यापक अभियान चलाएगी। यह कदम बिहार में सुशासन और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
एसटीएफ का मुख्य लक्ष्य और कार्यप्रणाली
विशेष कार्यबल (STF) की स्थापना केवल आपराधिक गतिविधियों को रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य ध्यान माफियाओं के आर्थिक ढांचे पर प्रहार करना है। एसटीएफ की कार्यप्रणाली में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं:
- संपत्ति जांच: अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों की गहन जांच करना।
- संपत्ति जब्ती: अवैध रूप से जमा की गई संपत्तियों को जब्त करना।
- एजेंसियों से समन्वय: विभिन्न सरकारी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना ताकि कार्रवाई प्रभावी हो सके।
- कड़ी कार्रवाई: अवैध बालू खनन और भूमि हड़पने वाले माफियाओं के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना।
यह पहल दर्शाती है कि राज्य सरकार अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों और समूहों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है। एसटीएफ का गठन इस बात का संकेत है कि अब इन माफियाओं के लिए बच पाना मुश्किल होगा, क्योंकि उन पर चौतरफा कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।


