Bihar Revenue Department: जब जनता के काम में देरी हो और बहानेबाजी हावी हो जाए, तब कड़े कदम उठाना ही एकमात्र रास्ता बचता है। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कुछ इसी अंदाज में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों को सख्त संदेश दिया है।
बिहार राजस्व विभाग: विजय सिन्हा ने अफसरों को चेताया, “बीमारी का बहाना नहीं चलेगा, पूरे विभाग को स्वस्थ कर देंगे”
बिहार राजस्व विभाग में सुधार की तैयारी
पटना: उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में व्याप्त अनियमितताओं और कार्यशैली पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए साफ कहा कि अब बहानेबाजी और बीमारी के नाम पर काम से बचने का दौर खत्म हो गया है। सिन्हा ने स्पष्ट लहजे में कहा, “सरकार जनता के लिए है और जनता के काम में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि विभाग को पूरी तरह से स्वस्थ कर दिया जाएगा ताकि आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह बयान उन भू-राजस्व अधिकारी और कर्मचारियों के लिए एक सीधा संकेत है जो अक्सर कार्य में देरी या अनुपस्थिति के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं।
सिन्हा के इस रुख को विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझें और जनहित को सर्वोपरि रखें। विभाग के भीतर ऐसी खबरें अक्सर आती रही हैं कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी जानबूझकर मामलों को लटकाते हैं या फिर छुट्टी और बीमारी का हवाला देकर काम से बचते हैं।
जनहित में कड़े फैसले
उपमुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने आगाह किया कि जो अधिकारी या कर्मचारी लापरवाही बरतेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम राज्य के भू-राजस्व व्यवस्था को सुदृढ़ करने और जनता को त्वरित सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। इससे पहले भी सरकार ने विभागों में सुधार लाने के लिए कई पहल की हैं, लेकिन राजस्व विभाग में यह सख्ती पहली बार देखने को मिल रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस पहल से उम्मीद है कि भूमि संबंधी विवादों का निपटारा तेजी से होगा और आम नागरिकों को अब दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। विभाग में अब कामकाज को लेकर एक नया मानदंड स्थापित होने की संभावना है।






