बिहटा (पटना): बिहार की मिट्टी से निकली एक और हस्ती ने मुंबई में प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है. ये कहानी किसी फिल्मी सितारे की नहीं, बल्कि एक ऐसे डॉक्टर की है जिसका क्लीनिक गरीबों का मंदिर है. मिलिए बिहटा के ‘गांव के डॉक्टर’ से, जिनकी सेवा की कहानी देश के सबसे बड़े मंचों में से एक ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (KBC) तक पहुंच गई.
Dr. Raman Kishore @Force for Good Heroes, KBC | कौन हैं ‘गांव के डॉक्टर’ रमन किशोर?
पटना जिले के बिहटा निवासी डॉ. रमन किशोर अपने क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. लोग उन्हें उनके नाम से कम और ‘गांव का डॉक्टर’ के नाम से ज्यादा जानते हैं. यह उपाधि उन्हें किसी संस्थान ने नहीं, बल्कि उन हजारों जरूरतमंद लोगों ने दी है, जिनके लिए डॉ. किशोर किसी मसीहा से कम नहीं हैं. वह पिछले कई सालों से चुपचाप और निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा कर रहे हैं.
उनका लक्ष्य हमेशा से उन लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना रहा है, जो आर्थिक तंगी के कारण अच्छा इलाज नहीं करा पाते. इसी जज्बे ने उन्हें इलाके में एक अलग पहचान और सम्मान दिलाया है.
Dr. Raman Kishore @Force for Good Heroes, KBC | 40,000 से ज्यादा मरीजों का मुफ्त इलाज
डॉ. रमन किशोर की सबसे बड़ी उपलब्धि उनका सेवा भाव है. अब तक वह 40,000 से भी अधिक मरीजों का मुफ्त में इलाज कर चुके हैं. यह आंकड़ा सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि उन हजारों परिवारों की दुआएं हैं, जिन्हें मुश्किल समय में डॉ. किशोर का सहारा मिला. उनके इस निस्वार्थ काम ने अनगिनत जिंदगियों को नई उम्मीद दी है.
- सेवा का मिशन: गरीबों और वंचितों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा देना.
- बड़ा योगदान: 40,000 से अधिक लोगों का निशुल्क इलाज.
- पहचान: इलाके में ‘गांव का डॉक्टर’ के रूप में प्रसिद्ध.
Dr. Raman Kishore @Force for Good Heroes, KBC | जब KBC के मंच पर गूंजा बिहार का नाम
डॉ. रमन किशोर की इसी निस्वार्थ सेवा की गूंज मुंबई तक पहुंची और उन्हें ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के मंच पर सम्मानित किया गया. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने उनकी कहानी बताई गई, जिसने वहां मौजूद हर किसी को प्रेरित किया. यह सम्मान सिर्फ डॉ. किशोर का नहीं, बल्कि पूरे बिहार का है, जो यह दिखाता है कि बिना किसी शोर-शराबे के भी समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं.
केबीसी जैसे बड़े मंच पर मिली इस पहचान के बाद बिहटा समेत पूरे बिहार में खुशी का माहौल है. डॉ. किशोर की कहानी आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है, जो यह साबित करती है कि सच्ची सेवा का सम्मान एक न एक दिन जरूर होता है.







