बिहार न्यूज़: बिहार में अवैध बालू खनन और भू-माफियाओं के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो चुकी है। उप-मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी के एक निर्देश ने पूरे प्रदेश के माफिया तंत्र में खलबली मचा दी है। आखिर क्या है यह नया प्लान, जो इन अपराधियों की नींद हराम करने वाला है?
दशकों से बिहार में बालू और जमीन माफियाओं का राज चल रहा था। ये गिरोह न सिर्फ अवैध खनन से प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा रहे थे, बल्कि जमीनों पर अवैध कब्जे कर आम लोगों की जिंदगी भी दुश्वार कर रहे थे। अब इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है। उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने अवैध रेत खनन और भूमि माफियाओं के वित्तीय नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
स्पेशल टास्क फोर्स का गठन
इन्हीं निर्देशों के आलोक में, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एक विशेष कार्यबल (STF) का गठन किया है। इस महत्वपूर्ण टीम का नेतृत्व पुलिस उप-महानिरीक्षक (DIG) मानवजीत सिंह ढिल्लों को सौंपा गया है। इस STF का प्राथमिक लक्ष्य राज्य में सक्रिय अवैध रेत खनन और भूमि माफियाओं के संगठित वित्तीय नेटवर्क की पहचान कर उसे पूरी तरह से ध्वस्त करना है।
माफियाओं पर ऐसे कसेगी नकेल
यह नई गठित टीम सिर्फ छापेमारी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि माफियाओं की जड़ों पर प्रहार करेगी। STF का मुख्य फोकस इनकी संपत्ति की गहन जांच करना होगा, ताकि अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों का पता लगाया जा सके। इसके बाद, ऐसी सभी अवैध संपत्तियों को जब्त करने की सख्त कार्रवाई की जाएगी। टीम विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर माफियाओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के सीधे निर्देश पर बनी यह टीम यह सुनिश्चित करेगी कि अवैध गतिविधियों में लिप्त किसी भी अपराधी को बख्शा न जाए। सरकार का यह कदम राज्य में कानून का राज स्थापित करने और आम जनता को माफियाओं के चंगुल से मुक्ति दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस एसटीएफ के गठन से माफिया तंत्र पर गहरा असर पड़ेगा और अवैध कारोबारों पर अंकुश लगेगा।


