Bihar EOU Raid: भ्रष्टाचार की काली कमाई ने जब सपनों का महल खड़ा किया, तो कानून की निगाहें भी उस पर टिक गईं। बिहार में एक बार फिर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) का हथौड़ा चला है, जिसने एक बैंक अधिकारी के अकूत साम्राज्य का पर्दाफाश किया है।
Bihar EOU Raid: बैंक अधिकारी के घर EOU का छापा, करोड़ों की काली कमाई उजागर
Bihar EOU Raid: विकास पदाधिकारी के ठिकानों पर हुई छापेमारी
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के विकास पदाधिकारी भावेश कुमार सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आय से अधिक संपत्ति मामले में दर्ज शिकायत के बाद EOU की टीमों ने पटना और गोपालगंज जिले में स्थित उनके 6 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। छापेमारी के दौरान लाखों की नकदी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जो भावेश कुमार सिंह के बेनामी संपत्तियों के विशाल नेटवर्क का खुलासा करते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मिली जानकारी के अनुसार, भावेश कुमार सिंह ने अपनी 11 साल की नौकरी के दौरान ही करोड़ों रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था। उनकी संपत्ति का आकलन करने पर पता चला है कि यह उनकी वैध आय से कई गुना अधिक है। पटना में एक आलीशान बंगला, एक पेट्रोल पंप, एक राइस मिल और लगभग 40 लाख रुपये नकद, ये सभी संपत्तियां भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर रही हैं। इन संपत्तियों के कागजात और अन्य वित्तीय लेन-देन के रिकॉर्ड की गहन जांच की जा रही है।
अकूत संपत्ति का ब्यौरा और जांच की दिशा
EOU की टीम को भावेश कुमार सिंह के ठिकानों से करोड़ों रुपये के निवेश से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। इनमें विभिन्न बैंकों में जमा राशियों, बीमा पॉलिसियों और जमीन-जायदाद से संबंधित कागजात शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि विकास पदाधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह अकूत संपत्ति अर्जित की है। जांच दल अब इस बात का पता लगा रहा है कि इस आय से अधिक संपत्ति के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं और किन-किन माध्यमों से यह काली कमाई जुटाई गई। यह जांच बैंक के भीतर संभावित अन्य भ्रष्ट अधिकारियों तक भी पहुंच सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
EOU के अधिकारियों ने बताया कि जब्त किए गए दस्तावेजों और नकदी के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भावेश कुमार सिंह से जुड़े सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है, ताकि इस मामले से जुड़े हर तथ्य को सामने लाया जा सके। इस तरह की कार्रवाई भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह संदेश देती है कि कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



