पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने जहां राजग का आत्मविश्वास चरम पर पहुंचा दिया है, वहीं महागठबंधन को करारी मात देकर राजनीतिक संतुलन को पूरी तरह उलट दिया है। इस अप्रत्याशित नतीजे में एक चेहरा सबसे ज्यादा चर्चा में है—लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान।
चुनाव में कई विश्लेषकों ने जिस प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी, चिराग की पार्टी ने उससे कहीं अधिक बेहतर कमबैक करते हुए एनडीए को मजबूत बढ़त दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई है।
29 में 19 सीटों पर बढ़त—चिराग का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन
राजग का हिस्सा रहते हुए लोजपा (रामविलास) ने इस बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और आश्चर्यजनक रूप से 19 सीटों पर बढ़त हासिल की। यह करीब 65% स्ट्राइक रेट है, जो बिहार के वर्तमान राजनीतिक समीकरणों में बेहद प्रभावी माना जा रहा है।
इस चुनाव में भाजपा और जदयू दोनों ने 101–101 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिली थीं।
• एनडीए की मजबूत शुरुआत
• और लोजपा का दमदार “फिनिश”
ने मिलकर पूरे गठबंधन को निर्णायक लाभ दिया।
चिराग की पार्टी ने इस बार 5% से अधिक वोट शेयर हासिल किया है, जो उनके राजनीतिक पुनरुत्थान का संकेत है।
2024 लोकसभा चुनाव की झलक: मोदी ने चिराग को कहा था ‘हनुमान’
साल 2024 लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने 5 की 5 सीटों पर जीत हासिल कर बड़ा संदेश दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रदर्शन पर चिराग को ‘हनुमान’ कहा था—और इस बार के चुनाव परिणामों ने साबित कर दिया कि चिराग ने फिर वही भूमिका निभाई है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भी
• पार्टी की सीटों पर मजबूत पकड़
• एनडीए के लिए वोट ट्रांसफर
• और सहयोगी दलों के साथ बेहतर तालमेल
ने उन्हें एनडीए का सबसे प्रभावी सहयोगी साबित किया है।
2020 में ‘वोट-कटवा’, 2025 में ‘जोड़ने वाले’
चिराग पासवान की राजनीतिक यात्रा पिछले पाँच सालों में नाटकीय रही है।
2020 विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने अकेले 137 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ 1 सीट मिली थी।
उस समय उनके “तेज एंटी-नीतीश अभियान” ने जदयू को सबसे बड़ा नुकसान पहुँचाया था और जदयू की सीटें 71 से घटकर 43 रह गई थीं। इसे लोजपा के “वोट-कटवा” असर का परिणाम माना गया।
लेकिन 2025 में तस्वीर पूरी तरह बदल गई—
• चिराग एनडीए में शामिल हुए
• भाजपा और जदयू दोनों के साथ वोट ट्रांसफर शानदार रहा
• और लोजपा ने खुद भी बेहतरीन प्रदर्शन किया
इस बार चिराग के सहयोग ने जदयू को भी मजबूती दी और एनडीए को भारी बहुमत तक पहुंचाया।
अब तक का सबसे धमाकेदार प्रदर्शन: क्यों मजबूत हुआ चिराग फैक्टर?
चिराग पासवान की शानदार वापसी के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं—
• एनडीए की संयुक्त रणनीति में लोजपा की महत्वपूर्ण भूमिका
• भाजपा–जदयू–लोजपा के बीच सफल समन्वय
• युवा वोटरों में चिराग की लोकप्रियता
• छोटे सहयोगियों के वोट का मजबूत ट्रांसफर
• 2024 लोकसभा की मजबूत बुनियाद
लाखों वोटरों ने चिराग को एक युवा, आक्रामक और गठबंधन-हितैषी नेता के रूप में देखा है। यही कारण है कि लोजपा (रामविलास) का यह अब तक का सबसे दमदार विधानसभा प्रदर्शन माना जा रहा है।
चिराग ने निभाई ‘हनुमान’ की भूमिका
चिराग पासवान ने जिस तरह 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को निर्णायक बढ़त दिलाई है, उसने उन्हें फिर से प्रधानमंत्री मोदी के “हनुमान” के रूप में स्थापित कर दिया है।
इस चुनाव में—
• भाजपा नंबर वन
• जदयू नंबर दो
• और लोजपा निर्णायक सहयोगी
के रूप में उभरी है—और इसमें चिराग की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही।
लोजपा (रामविलास) की यह जीत आने वाले वर्षों में बिहार की राजनीति में उनकी स्थिति को पूरी तरह मजबूत कर देगी।






