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12 मार्च, 2024
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नीतीश का मुस्लिम कार्ड? उर्दू से बेरा-पार, सरकारी अधिकारी अब सिखेंगे उर्दू

रमजान माह में विशेष रूप से लैलत अल-कद्र की रात के दौरान कुरान प्रकट किया गया था। यह महीना आत्म-चिंतन, बढ़ी हुई भक्ति और इबादत का समय है। ऐन पाक महीने में बिहार सरकार ने एक बड़ी पहल की है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। लेकिन, भाषाई बुनियादी जरूरत में शुमार यह प्रयास हिंदी-अंग्रेजी के बाद पहली पंगत में होगा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

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📍 पटना | देशज टाइम्स। यूपी से निकलकर बिहार पहुंचा होली और जुम्मा विवाद अभी गरम है। इसको लेकर लगातार नीतीश कुमार पर भी दबाव बढ़ा है। बीजेपी विधायक के बयान पर जदयू के मंत्री भी मुखर होकर आगे आए। लेकिन, नीतीश कुमार ने इनसबका काट निकाल लिया। बिहार के मुसलमानों को खुश कर दिया है।

📢 नीतीश सरकार का मास्टरस्ट्रोक! सरकारी विभागों में अनिवार्य होगी उर्दू ट्रेनिंग!

देशज टाइम्स। बिहार में बड़ा फैसला! सरकारी अधिकारियों को अब उर्दू सीखनी होगी। यह नीतीश सरकार का मास्टरस्ट्रोक है! सरकारी विभागों में अनिवार्य उर्दू ट्रेनिंग की यह शुरूआत 8 अप्रैल से शुरू होगा। जब प्रशिक्षण सत्र में सरकारी कामकाज उर्दू में भी…की नई शुरूआत बिहार सरकार की नई योजना में शुमार होगा।

🔹 70 दिनों की ट्रेनिंग अनिवार्य

इसके लिए सरकारी कर्मचारियों को उर्दू सीखने के आदेश के साथ ही 70 दिनों की ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी गई है। यह नीतीश सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है! वहीं, सरकारी दफ्तरों में अब उर्दू का प्रभाव बढ़ेगा।

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🔹 भाषा प्रेम के बूते चुनाव से पहले ही विपक्ष को करारा जवाब!

देशज टाइम्स। नीतीश का यह मास्टरस्ट्रोक मुसलमानों के लिए खुशखबरी है। नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए भाषा प्रेम के बूते चुनाव से पहले ही विपक्ष को करारा जवाब दे दिया है। बड़ी खुशखबरी यह है,  विभागों से जुड़े लोगों को अब उर्दू सीखनी होगी। उर्दू सीखने के लिए उन्हें आवेदन देना होगा। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं।

🔹 सरकारी दफ्तरों में अब उर्दू का बढ़ेगा प्रभाव!

देशज टाइम्स। हिंदी-अंग्रेजी के साथ अब उर्दू भी! बिहार सरकार की नई पहल, सरकारी कामकाज के लिए उर्दू सीखना होगा अनिवार्य, 8 अप्रैल से ट्रेनिंग। सरकारी दफ्तरों में अब उर्दू का बढ़ेगा प्रभाव।

📢 बिहार में सरकारी कर्मियों को मिलेगी उर्दू की ट्रेनिंग, 8 अप्रैल से होगा सत्र शुरू!

देशज टाइम्स। बिहार में हिंदी और अंग्रेजी के साथ अब उर्दू में भी सरकारी कामकाज सुगम बनाने के लिए नीतीश सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है। सरकारी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों को उर्दू भाषा की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब होली और जुम्मे की छुट्टी विवाद को लेकर बिहार की राजनीति गरमाई हुई है।

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🔹 बिहार में उर्दू भाषा पर जोर!

➡️ सरकारी कामकाज में उर्दू को बढ़ावा देने के लिए 8 अप्रैल से उर्दू ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होगा।
➡️ 70 दिनों तक, हर हफ्ते 4 दिन (सोमवार-गुरुवार) दोपहर 1 से 3 बजे तक ट्रेनिंग दी जाएगी।
➡️ सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ वकील, पत्रकार, शिक्षक और समाजसेवी भी इस ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।
➡️ ऑनलाइन आवेदन और हिंदी भवन स्थित उर्दू निदेशालय के पते पर डाक से आवेदन भेजा जा सकता है।

🔹 सरकार का तर्क – आम लोगों को होगा फायदा

🔹 बिहार में उर्दू राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा है, लेकिन कई सरकारी विभागों में इसका इस्तेमाल सीमित है।
🔹 सरकारी दफ्तरों में उर्दू जानने वाले कर्मचारी बढ़ेंगे तो उर्दू जानने वाले आम लोगों को सरकारी कामकाज में आसानी होगी।
🔹 केंद्र और राज्य कार्यालयों में तैनात कर्मियों को इस योजना से जोड़ा जाएगा ताकि वे उर्दू भाषा में दक्ष हो सकें।

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📢 कैसे करें आवेदन?

✅ इच्छुक सरकारी सेवक और अन्य नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
डाक से आवेदन भेजने के लिए पता: उर्दू निदेशालय, हिंदी भवन, पटना।

🚀 चुनावी रणनीति या प्रशासनिक सुधार?

देशज टाइम्स। नीतीश सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज है। विपक्ष इसे चुनावी रणनीति बता रहा है, जबकि सरकार इसे भाषाई समावेशन का हिस्सा कह रही है। क्या उर्दू सीखने की यह योजना सरकार के लिए मुस्लिम समुदाय के बीच समर्थन मजबूत करेगी? यह देखने वाली बात होगी।

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