Bihar Train Accident: रेल पटरियों पर दौड़ती रफ्तार, कई बार सवालों के कटघरे में आ खड़ी होती है। बिहार में एक बार फिर ऐसा ही एक वाकया सामने आया है जिसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जमुई जिले के टेलवा बाजार हॉल्ट के पास शनिवार देर रात सीमेंट से लदी एक मालगाड़ी के बेपटरी होने से पूर्व रेलवे नेटवर्क में हड़कंप मच गया।
यह घटना जसीडीह-झाझा मुख्य रेलखंड पर हुई, जहां देर रात करीब 2 बजकर 58 मिनट पर मालगाड़ी के लगभग 16 डिब्बे पटरी से उतर गए। अचानक हुए इस हादसे की वजह से रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए और उनमें लदा सीमेंट बिखर गया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन अंधेरे और दुर्गम स्थान के कारण बचाव कार्यों में शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
शुरुआती जांच में रेलवे ट्रैक में दरार को हादसे की मुख्य वजह बताया जा रहा है, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में रेल सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक बड़ी चूक का संकेत है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
Bihar Train Accident: टेलवा बाजार के पास कैसे हुआ यह हादसा?
जानकारी के अनुसार, मालगाड़ी सीमेंट लेकर झारखंड के जसीडीह से बिहार के झाझा की ओर जा रही थी। टेलवा बाजार हॉल्ट के पास पहुंचते ही अचानक तेज आवाज के साथ झटके लगने शुरू हुए और देखते ही देखते कई वैगन पटरी से उतर गए। मालगाड़ी के चालक और गार्ड ने तत्काल कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी, जिसके बाद आनन-फानन में रेलवे के अधिकारी हरकत में आए। इस हादसे के कारण इस रूट पर चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है या उनके मार्ग में परिवर्तन किया गया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे की तकनीकी टीमें पटरी को ठीक करने और डिब्बों को हटाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। यह प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली है, जिसमें कई क्रेन और भारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पूरे रूट को सामान्य होने में 24 से 48 घंटे का समय लग सकता है। इस दौरान यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्थाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
जांच का दायरा और रेलवे का अगला कदम
इस गंभीर मामले की जांच के लिए रेलवे ने उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति दुर्घटना के पीछे के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए आवश्यक सिफारिशें पेश करेगी। क्या यह मानवीय भूल थी, या तकनीकी खामी, या फिर ट्रैक का रखरखाव ठीक से नहीं किया गया था – इन सभी पहलुओं पर गहनता से गौर किया जाएगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/
पिछले कुछ समय से बिहार में रेल सुरक्षा से जुड़े ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसने रेलवे के बुनियादी ढांचे और निगरानी तंत्र पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि यात्रियों और मालवाहक ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इन हादसों से सबक लिया जाए और भविष्य में इनकी पुनरावृत्ति को रोका जाए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बिहार में बढ़ती रेल दुर्घटनाएं: एक गंभीर चुनौती
रेलवे, जो देश की जीवनरेखा मानी जाती है, उसकी विश्वसनीयता बनाए रखना बेहद जरूरी है। जमुई का यह हादसा एक वेक-अप कॉल है जो दिखाता है कि सुरक्षा मानकों और रखरखाव प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कितना आवश्यक है। रेलवे को न केवल तत्काल राहत और बहाली पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक समाधानों पर भी गौर करना चाहिए ताकि यात्रियों का विश्वास बना रहे और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।




