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दिसम्बर, 23, 2025

Bihar Land Dispute: बिहार में जमीन विवादों का अब थानों में नहीं, अंचल कार्यालयों में होगा निपटारा, डिप्टी सीएम का बड़ा ऐलान

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Bihar Land Dispute: जमीन के झगड़ों का जाल, जिसने न जाने कितने परिवारों को न सिर्फ संपत्ति से बेदखल किया बल्कि रिश्तों की डोर को भी कमजोर किया, अब सुलझने को है। बिहार सरकार ने भूमि विवाद निपटारे की व्यवस्था में एक बड़ा और क्रांतिकारी बदलाव कर ऐसे लाखों लोगों को राहत देने का ऐलान किया है, जो वर्षों से अदालतों और थानों के चक्कर काट रहे थे। अब उन्हें अपने जमीन संबंधी मामलों के लिए पुलिस स्टेशनों के बजाय अंचल कार्यालयों का रुख करना होगा।

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बिहार में जमीन से जुड़े विवाद एक बड़ी समस्या रहे हैं। इन विवादों को निपटाने में पुलिस स्टेशनों का समय और संसाधन काफी खर्च होते थे, बावजूद इसके अक्सर संतोषजनक परिणाम नहीं मिल पाते थे। जनता दरबार में भी भीड़ उमड़ती थी, लेकिन मूल समस्या का समाधान हमेशा आसान नहीं होता था। इस नई पहल से न केवल प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि त्वरित न्याय की उम्मीद भी बढ़ेगी।

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Bihar Land Dispute: अब अंचल कार्यालयों में होगा विवादों का निपटारा

उपमुख्यमंत्री ने हाल ही में घोषणा की है कि बिहार में अब भूमि विवादों से जुड़े मामले पुलिस थानों के दायरे से बाहर निकलकर अंचल कार्यालयों में सुलझाए जाएंगे। यह फैसला भूमि विवादों को प्रभावी ढंग से और तेजी से निपटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस व्यवस्था के लागू होने से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो अक्सर जमीन के छोटे-मोटे झगड़ों के लिए पुलिस और अदालतों के चक्कर लगाने को मजबूर होते थे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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अंचल कार्यालयों को यह अधिकार दिए जाने से राजस्व संबंधी मामलों की समझ और विशेषज्ञता का बेहतर उपयोग हो पाएगा। पहले, पुलिस को अक्सर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ता था, जिनकी तकनीकी और कानूनी बारीकियों को समझना उनके लिए मुश्किल होता था। अब, राजस्व विभाग के अधिकारी इन विवादों को सुलझाने में अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेंगे।

उपमुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण ऐलान और इसके मायने

उपमुख्यमंत्री ने इस बदलाव को लेकर कहा कि सरकार का लक्ष्य जनता को सुगम और त्वरित न्याय दिलाना है। इस फैसले से पुलिस पर से काम का बोझ भी कम होगा और वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह कदम बिहार में सुशासन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

नई व्यवस्था के तहत, अंचल कार्यालयों में नियमित रूप से भूमि विवाद निपटारा शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहाँ पक्षकार अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे और मौके पर ही समाधान प्राप्त कर सकेंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों के लिए न्याय तक पहुंच आसान होगी। यह एक ऐसा निर्णय है जो सीधे तौर पर आम जनजीवन को प्रभावित करेगा और उन्हें वर्षों से चली आ रही परेशानी से मुक्ति दिलाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

इस बदलाव का सीधा असर भूमि रिकॉर्ड के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता पर भी पड़ेगा। जब विवादों का समाधान अंचल कार्यालयों में होगा, तो भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करना और उनमें सुधार करना भी आसान हो जाएगा, जिससे भविष्य में नए विवादों की संभावना कम होगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/। यह सुनिश्चित करेगा कि जमीनी स्तर पर न्याय प्रणाली मजबूत हो। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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