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दिसम्बर, 27, 2025

बिहार लैंड रिकॉर्ड्स: 2026 से खत्म होगा कागजी इंतज़ार, अब सिर्फ़ एक क्लिक में मिलेगी जमीन की डिजिटल कॉपी!

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Bihar Land Records: जमीन के कागजात, जो कभी सरकारी दफ्तरों की धूल फांकते थे और जिनके लिए लोग जूते घिसते थे, अब वे आपकी उंगलियों पर होंगे। बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जो सूबे के हर नागरिक के लिए न केवल सुविधा बल्कि एक नए डिजिटल युग का सूत्रपात करेगा।

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बिहार लैंड रिकॉर्ड्स: 2026 से खत्म होगा कागजी इंतज़ार, अब सिर्फ़ एक क्लिक में मिलेगी जमीन की डिजिटल कॉपी!

बिहार लैंड रिकॉर्ड्स: पारदर्शिता और सहूलियत का नया दौर

बिहार सरकार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़े एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। 1 जनवरी 2026 से, राज्य में जमीन और राजस्व से संबंधित दस्तावेजों की कागजी नकल (हार्ड कॉपी) उपलब्ध कराने की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। यह कदम डिजिटल इंडिया अभियान को गति देगा और बिहार में भूमि संबंधी कार्यों को आधुनिक बनाएगा।

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इस नई व्यवस्था के तहत, सभी सत्यापित रिकॉर्ड्स अब लैंड रिकॉर्ड पोर्टल के माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षर के साथ ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि नागरिकों को अपने जमीन संबंधी कागजात प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ें और वे घर बैठे ही विश्वसनीय और प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त कर सकें। इस परिवर्तन से समय, धन और श्रम तीनों की बचत होगी, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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यह पहल भ्रष्टाचार पर लगाम कसने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने में भी सहायक सिद्ध होगी। लोगों को अब अपनी जमीन की जानकारी या दस्तावेजों की कॉपी के लिए लंबी कतारों में लगने या बिचौलियों का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। भूमि सुधार विभाग का यह कदम एक मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। डिजिटल भू-अभिलेख प्राप्त करना अब बेहद आसान होगा।

डिजिटल इंडिया की राह पर बिहार: एक बड़ा कदम

सरकार का यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगा बल्कि नागरिकों को सशक्त भी करेगा। डिजिटल माध्यम से भूमि संबंधी दस्तावेजों तक पहुंच आसान होने से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा। अब किसी भी दस्तावेज की डिजिटल कॉपी तुरंत और सुरक्षित तरीके से प्राप्त की जा सकेगी, जिससे सरकारी सेवाओं में लोगों का विश्वास और बढ़ेगा।

इस बदलाव से पहले 7 से 14 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़ता था, जो अब अतीत की बात हो जाएगी। 1 जनवरी 2026 के बाद, जमीन के कागजात, चाहे वह जमाबंदी हो, खसरा हो या कोई अन्य राजस्व संबंधी दस्तावेज, सब कुछ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होगा। यह व्यवस्था कागजी कार्यवाही के बोझ को कम करेगी और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

यह सुनिश्चित किया गया है कि ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाने वाले सभी दस्तावेज पूरी तरह से सत्यापित और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होंगे, जिससे उनकी प्रामाणिकता पर कोई संदेह न रहे। यह सुरक्षित डिजिटल भू-अभिलेख प्रणाली धोखेबाजी और जालसाजी की संभावनाओं को भी काफी हद तक कम कर देगी।

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