Bihar Land Reforms: अक्सर सरकारी दफ्तरों में सुस्त पड़ी फाइलें और जनता की भटकती निगाहें एक आम तस्वीर है, लेकिन अब बिहार में इस तस्वीर को बदलने का संकल्प लिया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों को सीधा संदेश दिया है कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बिहार Land Reforms: अधिकारियों को 15 दिन का समय, फिर होगी कड़ी कार्रवाई
बिहार में भूमि संबंधी मामलों में पारदर्शिता और गति लाने के उद्देश्य से राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राज्य के सभी अंचल अधिकारियों (CO) और भूमि सुधार उप-समाहर्ताओं (DCLR) को 15 दिनों का अल्टीमेटम जारी किया है। मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में कामकाज में सुधार नहीं हुआ, तो अगली बार उन्हें ‘थर-थर कांपने का भी समय नहीं मिलेगा’। यह बयान अधिकारियों के बीच हड़कंप मचाने वाला माना जा रहा है।
मंत्री सिन्हा ने विभागीय अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में भूमि संबंधित मामलों की समीक्षा की और पाया कि कई स्तरों पर लापरवाही और देरी अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि जनता को अपने भू-स्वामित्व या Land Records Bihar से जुड़े मामलों के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, जो कि अस्वीकार्य है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है और किसी भी कीमत पर जनता को परेशान होने नहीं दिया जाएगा।
जनसंवाद कार्यक्रम से सीधे जुड़ेंगे लोग
मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आगे बताया कि अगले 100 दिनों के भीतर राज्य के सभी जिलों में ‘जनसंवाद’ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य आम जनता की समस्याओं को सीधे सुनना और उनका तत्काल समाधान करना है। यह पहल जमीनी स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन कार्यक्रमों के माध्यम से मंत्री सीधे जनता से संवाद स्थापित कर उनकी शिकायतों को समझेंगे और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
सरकार का यह कदम भूमि विवादों को कम करने और आम लोगों को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अल्टीमेटम और जनसंवाद कार्यक्रम के जरिए मंत्री सिन्हा ने यह साफ कर दिया है कि भूमि सुधार के एजेंडे को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/। बिहार में भूमि सुधारों की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए यह आवश्यक है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें।
अधिकारियों को दिए गए 15 दिनों के अल्टीमेटम में उनसे उम्मीद की गई है कि वे लंबित मामलों का निपटारा करें और नए मामलों में अनावश्यक देरी से बचें। विशेष रूप से, नामांतरण (mutation) और परिमापन (survey) से संबंधित मामलों को प्राथमिकता पर निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। Land Records Bihar को डिजिटल करने और उनकी त्रुटियों को सुधारने पर भी विशेष बल दिया गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। मंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।


