पटना न्यूज़: बिहार में ज़मीन से जुड़े काम के लिए अब बाबुओं के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे? क्या अंचल ऑफिस में होने वाली ‘सेवा-पानी’ अब बंद हो जाएगी? सरकार ने एक ऐसा ऐलान किया है जो सीधे तौर पर आम लोगों की जेब और समय दोनों पर असर डालेगा।
बिहार सरकार ने राज्य में भू-राजस्व से जुड़ी सेवाओं को आम लोगों के लिए आसान और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि सेवाओं में पारदर्शिता लाना और उन्हें समय पर पूरा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को ऐसा बनाया जाएगा जिससे आम नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
मंत्री का यह बयान उस तंत्र को बदलने का संकेत देता है, जिसकी वजह से राज्य के लाखों लोग अंचल और राजस्व कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर होते हैं। सरकार का लक्ष्य एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना है जहाँ काम बिना किसी बाधा के और तय समय सीमा के भीतर हो।
मंत्री ने दिया सेवाओं को पारदर्शी बनाने का निर्देश
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का कार्यभार संभालने के बाद मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की छवि को सुधारने और कार्यप्रणाली को जन-हितैषी बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उनका मुख्य जोर एक ऐसे सिस्टम को विकसित करने पर है जो पूरी तरह से पारदर्शी हो और जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न हो।
अंचल कार्यालयों में तैनात होंगे CSC के वीएलई
इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने एक ठोस योजना तैयार की है। इसके तहत, राज्य के सभी अंचल कार्यालयों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर (VLE) की तैनाती की जाएगी। यह कदम सीधे तौर पर आम नागरिकों को सरकारी दफ्तरों की जटिल प्रक्रियाओं से राहत देने और उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए उठाया जा रहा है।
इन VLE की मौजूदगी से लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने, रिकॉर्ड देखने और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए एक प्रशिक्षित सहायक मिलेगा, जिससे बाबुओं पर उनकी निर्भरता कम होगी।
आम लोगों को कैसे मिलेगा सीधा फायदा?
मंत्री विजय कुमार सिन्हा के अनुसार, इस नई व्यवस्था से आम लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। अब उन्हें छोटे-छोटे कामों के लिए सरकारी कर्मचारियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके मुख्य फायदे इस प्रकार होंगे:
- पारदर्शिता: सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और स्पष्ट होंगी, जिससे गड़बड़ी की आशंका कम होगी।
- सुविधा: स्थानीय स्तर पर ही VLE के माध्यम से तकनीकी सहायता और सेवाएं मिलेंगी।
- समय की बचत: दफ्तरों के बार-बार चक्कर काटने का समय बचेगा और काम जल्दी होगा।
- भ्रष्टाचार पर रोक: ऑनलाइन और सीधी प्रक्रिया होने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल नागरिकों का काम आसान होगा, बल्कि पूरी राजस्व प्रणाली में एक सकारात्मक और बड़ा बदलाव आएगा।







