Bihar Pension: बिहार के लाखों बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटना बीते जमाने की बात हो जाएगी। सरकार ने पेंशन पाने की प्रक्रिया को इतना सरल बना दिया है कि मानों सूखे रेगिस्तान में पानी की बूंद मिल गई हो। यह एक ऐसा कदम है जिससे न केवल उनकी रोजमर्रा की परेशानी कम होगी, बल्कि उन्हें अपनी मेहनत की कमाई पाने में भी आसानी होगी।
बिहार पेंशन: अब आसान होगा जीवन प्रमाण, लाखों लाभार्थियों को मिलेगी राहत
बिहार पेंशन धारकों के लिए बड़ी राहत
बिहार सरकार ने अपनी सामाजिक सुरक्षा पेंशन व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। इस बदलाव का सीधा असर प्रदेश के उन लाखों बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों पर पड़ेगा, जो हर साल जीवन प्रमाणन की जटिल प्रक्रिया से जूझते थे। अब पेंशन पाने के लिए जीवन प्रमाणीकरण कराना न तो जटिल रहेगा और न ही खर्चीला। यह समाज कल्याण विभाग द्वारा उठाया गया एक प्रगतिशील कदम है, जिससे लाभार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह नई व्यवस्था विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लाभार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जहां पहले जीवन प्रमाण पत्र बनवाना एक बड़ी चुनौती होती थी। अब उन्हें लंबी कतारों में लगने या बिचौलियों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
पेंशन प्रक्रिया में सरलता का नया अध्याय
समाज कल्याण विभाग ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, जीवन प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को डिजिटल माध्यमों से जोड़ा जाएगा, जिससे लाभार्थी अपने घर बैठे या नजदीकी सुविधा केंद्र से आसानी से यह काम कर सकेंगे। इस पहल से पारदर्शिता भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएँ कम होंगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पेंशनभोगियों को अब कम कागजी कार्रवाई और कम खर्च में अपनी पात्रता साबित करने का मौका मिलेगा। यह सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह अपने नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस कदम से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होगा।
यह सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि लाखों परिवारों के लिए सुकून का संदेश है। विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और दिव्यांग पेंशन के लाभार्थियों को अब उनके हक का पैसा बिना किसी अड़चन के मिल पाएगा। यह वाकई एक सकारात्मक पहल है जो राज्य में सामाजिक सुरक्षा के दायरे को मजबूत करेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


