Bihar Pink Bus: सड़कों पर अब केवल मशीनों की गड़गड़ाहट नहीं, नारी शक्ति की दहाड़ भी सुनाई देगी। बिहार के परिवहन क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है, जहां महिलाओं की ड्राइविंग सीट पर बैठना सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि क्रांति का शंखनाद है।
Bihar Pink Bus: बिहार की सड़कों पर नारी शक्ति का नया आगाज़, पिंक बस में दिखेंगी महिला ड्राइवर
Bihar Pink Bus योजना: महिलाओं को मिला नया अवसर
बिहार में परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक बदलाव देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार की पहल पर अब सड़कों पर ‘पिंक बसें’ दौड़ेंगी, जिन्हें चलाने की ज़िम्मेदारी महिलाएं संभालेंगी। इस अनोखी पहल के तहत महिला चालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हाल ही में, औरंगाबाद ज़िले में प्रशिक्षण ले रही महिला चालकों को स्टीयरिंग संभालते देखा गया, जो जल्द ही आत्मविश्वास के साथ राज्य की सड़कों पर फर्राटा भरती नज़र आएंगी। यह कदम न केवल रोज़गार के नए अवसर पैदा कर रहा है, बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक बड़ा क़दम है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
राज्य को कुल 225 महिला बस चालकों की आवश्यकता है, जिसके लिए ज़ोरों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन पिंक बसों का संचालन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाएगा, जिससे यात्रा करने वाली महिलाओं को भी अधिक सुरक्षित और आरामदायक अनुभव मिलेगा। यह पहल बिहार में सार्वजनिक परिवहन को नया आयाम देगी और महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करेगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
आत्मनिर्भरता की राह पर महिलाएं
यह परियोजना सिर्फ बसों के संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के बड़े लक्ष्य का हिस्सा है। ड्राइविंग जैसे पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान पेशे में महिलाओं का प्रवेश रूढ़िवादिता को चुनौती देता है और युवा पीढ़ी की लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाएं न केवल वाहन चलाने के तकनीकी पहलुओं को सीख रही हैं, बल्कि वे आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित कर रही हैं। यह पहल उन महिलाओं के लिए आशा की किरण है जो अपने दम पर कुछ करना चाहती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस अनूठी पहल से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को जोड़ने की योजना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आर्थिक प्रगति का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे। महिलाओं की भागीदारी से परिवहन सेवा में सुधार की भी उम्मीद है।






