Bihar Politics: राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी की बारात जब निकलती है, तो शब्दों के तीर सीधा निशाना साधते हैं। बिहार में सियासी समीकरणों की बिसात पर हर चाल अपने मायने रखती है। कांग्रेस के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान के उस बयान ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से कांग्रेस को संबंध तोड़ने की बात कही थी। इस पर राज्य सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने तीखा और राजनीतिक संकेतों से भरा जवाब दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि गठबंधन की राजनीति में ऐसे बयान उचित नहीं हैं और सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
बिहार Politics: RJD-कांग्रेस संबंधों पर मंत्री श्रवण कुमार का तीखा पलटवार
कांग्रेस के पूर्व विधायक शकील अहमद खान ने अपनी ही पार्टी को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से अलग होने की सलाह देकर बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। उनके इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार में मौजूदा गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है, या फिर यह सिर्फ एक व्यक्तिगत राय है जिसका कोई बड़ा राजनीतिक महत्व नहीं है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बिहार Politics में बयानबाजी का दौर तेज
राज्य सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने शकील अहमद खान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और RJD के संबंधों पर अपनी बात रखी। उन्होंने खान के सुझाव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन में शामिल दल एक साझा उद्देश्य के लिए काम करते हैं और ऐसे बयान अनावश्यक भ्रम पैदा करते हैं। मंत्री कुमार ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में बिहार महागठबंधन की प्राथमिकता राज्य के विकास और जनता के हितों को साधना है।
खान का बयान ऐसे समय में आया है जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और विपक्षी खेमे में एकजुटता को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में गठबंधन के भीतर से ही संबंधों को तोड़ने की बात उठाना कई सवाल खड़े करता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान कांग्रेस के भीतर की अंदरूनी कलह या RJD से उनके संबंधों में किसी संभावित खटास का संकेत हो सकता है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर किसी भी दल ने कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है। इन सभी राजनीतिक घटनाक्रमों पर पैनी नज़र बनाए हुए आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
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गठबंधन की मजबूती पर सवाल
मंत्री श्रवण कुमार के तीखे जवाब ने यह साफ कर दिया कि सत्तारूढ़ गठबंधन अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर गठबंधन में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने कांग्रेस और RJD के बीच मजबूत तालमेल की बात दोहराई और कहा कि वे मिलकर आगामी चुनौतियों का सामना करेंगे। बिहार महागठबंधन की एकजुटता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस और RJD दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेताओं की चुप्पी भी मायने रखती है। क्या यह चुप्पी भीतरखाने चल रही किसी बड़ी रणनीति का हिस्सा है, या फिर वे इस बयान को ज्यादा तवज्जो न देकर शांत करना चाहते हैं? आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि शकील अहमद खान के इस बयान और श्रवण कुमार के पलटवार का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है। राजनीतिक हलचलों का सटीक विश्लेषण, केवल आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



