जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने रविवार को कहा कि उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। दरअसल, जदयू ने दो मंत्री पद की मांग की थी, जिसे भाजपा ने खारिज कर दिया।
जेडीयू और बीजेपी के बीच पिछले कुछ दिनों से लगातार उठापटक चल रही है। अब केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी मामला अटक गया है। जेडीयू का आरोप है की उसे मंत्रिमंडल में सम्मानजनक संख्या नहीं मिली है। बता दें, एनडीए के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए यह तय किया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उसका प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ऐलान करते हुए कहा कि जदयू नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम सीएम नीतीश कुमार के 2019 के फैसले पर कायम हैं। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा कि वे कैसे मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे, ये वही बताएंगे। वहीं भाजपा के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर ललन सिंह ने कहा कि कल किसने देखा है।
शिक्षा मंत्री और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा, हम नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे। जदयू को भाजपा से सम्मान की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए हमने नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला बिहार में भाजपा के साथ हमारे गठबंधन को प्रभावित नहीं करेगा.
चौधरी का बयान बिहार में जदयू और भाजपा के बीच खटास का संकेत है और यही कारण हो सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से दूरी बनाए हुए हैं। उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
बिहार में राजनीतिक मंथन चल रहा है। सूत्रों ने कहा है कि जेडीयू ने बिहार के हर विधायक, एमएलसी और सांसद की बैठक बुलाई है। हालांकि अभी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन संभव है कि अगले 3 से 4 दिनों में किसी भी समय इसे आयोजित किया जाएगा।
बिहार में एनडीए की साथी होने की वजह से बीजेपी ने केंद्र सरकार में जेडीयू को एक मंत्रि पद दिया था, जिसके जरिए तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। हालांकि, आरसीपी सिंह के राज्यसभा से कार्यकाल खत्म होने के बाद जेडीयू से उन्हें फिर उच्च सदन नहीं भेजा गया। इसी वजह से आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री पद से अपना इस्तीफा देना पड़ा था।
जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह का तन जदयू में और मन कहीं और था। ललन सिंह ने आगे कहा कि देर-सबेर आरसीपी सिंह को इस पार्टी से जाना ही था। वहीं आरसीपी सिंह के जेडीयू को डूबता जहाज कहने पर उन्होंने कहा कि जदयू डूबता नहीं दौड़ता जहाज है, आरसीपी को इसकी एबीसीडी भी नहीं पता है। आरसीपी जदयू के संघर्ष के नहीं सत्ता के साथी हैं।
जेडीयू के अलावा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) ने भी 9 अगस्त को इसी तरह की बैठक बुलाई है। बैठक पटना में पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी के आधिकारिक आवास पर होगी।