पटना न्यूज़: बिहार में इन दिनों एक अजीबोगरीब वायरल फ्लू ने लोगों को परेशान कर रखा है। बुखार उतरने के बाद भी हफ्तों तक खांसी और शरीर में कमजोरी पीछा नहीं छोड़ रही। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है।
अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या
राज्य के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में वायरल फ्लू के मरीजों की संख्या में अचानक तेजी देखी गई है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक खांसी, जुकाम, बदन दर्द और बुखार के लक्षणों वाले लोग पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह मौसमी बदलाव और कुछ हद तक इन्फ्लुएंजा H3N2 वायरस के कारण हो सकता है, जिसके लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते-जुलते हैं, लेकिन इसका प्रभाव थोड़ा लंबा खींच रहा है। कई मामलों में देखा जा रहा है कि बुखार ठीक होने के बाद भी मरीजों को हफ्तों तक लगातार खांसी और गले में खराश जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, जिससे उनकी दैनिक दिनचर्या प्रभावित हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश
मरीजों की बढ़ती संख्या और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई की है। विभाग ने राज्य के सभी रेफरल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) सहित अन्य चिकित्सा सुविधाओं को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराना और उन्हें उचित इलाज सुनिश्चित करना है।
- पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता: सभी अस्पतालों में वायरल फ्लू और संबंधित लक्षणों के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं।
- जांच सुविधाओं में सुधार: फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों की सही पहचान और समय पर इलाज के लिए जांच सुविधाओं को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
- जागरूकता अभियान: लोगों को बीमारी के लक्षणों, बचाव के तरीकों और कब डॉक्टर से संपर्क करना है, इसके बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की भी सलाह दी गई है।
- साफ-सफाई और प्रोटोकॉल: अस्पतालों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने और इन्फेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
H3N2 और बचाव के तरीके
विशेषज्ञों के अनुसार, H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस एक प्रकार का मौसमी फ्लू है, जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, बदन दर्द और थकान शामिल हैं। हालांकि, चिंता की बात यह है कि इस बार खांसी की समस्या ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक बनी रह रही है।
इससे बचाव के लिए कुछ सामान्य सावधानियां बरतना आवश्यक है:
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंकें।
- बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- पर्याप्त आराम करें और तरल पदार्थों का सेवन करें।
- यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी लक्षण को हल्के में न लें और लापरवाही न बरतें। समय पर इलाज और सावधानी ही इस मौसमी बीमारी से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका है।


