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27 नवम्बर, 2025

Bihar New Township: बिहार में 40 साल बाद बसेंगे 11 नए शहर, पूरी तरह बदल जाएगा शहरी कलेवर, ये है सरकार का मास्टरप्लान

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पटना न्यूज़: 40 साल का लंबा इंतजार खत्म! बिहार की धरती पर अब वो होने जा रहा है जो राज्य का नक्शा हमेशा के लिए बदल देगा. सरकार ने एक ऐसे ‘महाप्लान’ को मंजूरी दी है, जिसके तहत एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 11 नए और सुनियोजित शहर बसाए जाएंगे.

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बिहार में शहरीकरण को एक नई दिशा देने के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना मानी जा रही है. लगभग चार दशकों के बाद यह पहला मौका है, जब राज्य में पूरी तरह से नए शहरों को विकसित करने की पहल की गई है. इस ऐतिहासिक फैसले का उद्देश्य न केवल मौजूदा शहरों पर आबादी के बोझ को कम करना है, बल्कि राज्य के शहरी विकास को राष्ट्रीय स्तर के बराबर लाना भी है.

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सरकार की यह योजना राज्य के शहरी बुनियादी ढांचे में एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत है, जिससे लाखों लोगों के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद है.

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‘ग्रीनफील्ड टाउनशिप’ मॉडल पर होगा विकास

इन सभी 11 शहरों का विकास ‘ग्रीनफील्ड टाउनशिप’ मॉडल के आधार पर किया जाएगा. ‘ग्रीनफील्ड’ का मतलब है कि इन शहरों को पूरी तरह से नई और खाली जमीन पर शून्य से बसाया जाएगा. पुराने शहरों को फिर से विकसित करने के बजाय, नए सिरे से शहर बसाने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसमें आधुनिक शहरी नियोजन के सभी मानकों का पालन किया जा सकता है. इससे इन शहरों में भविष्य की जरूरतों का भी ध्यान रखा जा सकेगा.

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इस मॉडल के तहत विकसित होने वाले शहरों में कई तरह की आधुनिक सुविधाएं होंगी, जैसे:

  • सुनियोजित और चौड़ी सड़कें
  • आधुनिक जल निकासी और सीवेज सिस्टम
  • पार्क, स्कूल, और अस्पतालों के लिए आरक्षित जगह
  • बेहतर आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र
  • पर्यावरण के अनुकूल और खुला वातावरण

शहरीकरण को राष्ट्रीय औसत तक लाने का लक्ष्य

यह योजना बिहार में शहरीकरण की धीमी गति को तेज करने के एक बड़े लक्ष्य का हिस्सा है. वर्तमान में, बिहार में शहरीकरण की दर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. इन 11 नए शहरों के बसने से न केवल राज्य में शहरी आबादी का प्रतिशत बढ़ेगा, बल्कि यह नए आर्थिक केंद्रों के रूप में भी उभरेंगे. इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

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विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बिहार के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है. अगर इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह बिहार की छवि को बदलने और इसे देश के विकसित राज्यों की कतार में खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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