Bihar Tourism: बिहार की धरती, जहां इतिहास की हर ईंट से एक कहानी फूटती है, जहां आध्यात्म की धाराएं युगों से बह रही हैं, वह अब सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव बन रही है।
Bihar Tourism: बिहार बना पर्यटकों की पहली पसंद, इस साल 6 करोड़ से अधिक ने किया दीदार
बिहार टूरिज्म: धार्मिक स्थलों का बोलबाला
बिहार में पर्यटन का सबसे बड़ा आधार सदियों से यहां के धार्मिक, सांस्कृतिक स्थल और प्रसिद्ध मेले रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से देखें तो, राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2011 में जहां राज्य में कुल 1.84 करोड़ पर्यटक आगमन दर्ज किया गया था, वहीं 2016 तक यह आंकड़ा बढ़कर 2.85 करोड़ तक पहुंच गया। यह दर्शाता है कि बिहार न केवल अपने गौरवशाली अतीत को सहेजे हुए है, बल्कि वर्तमान में भी पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह आंकड़ा राज्य के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, यह मेरा बिहार वाकई लाजवाब है। इस साल 6 करोड़ से भी अधिक घरेलू पर्यटकों का आगमन हुआ है, जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे राज्य सरकार और पर्यटन विभाग के अथक प्रयास, बेहतर कनेक्टिविटी और सुरक्षा व्यवस्था ने अहम भूमिका निभाई है। खासकर बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट और सूफी सर्किट जैसे धार्मिक पर्यटन स्थलों ने इस पर्यटक आगमन में अभूतपूर्व वृद्धि की है।
पर्यटकों की बढ़ती संख्या न केवल राज्य की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत कर रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं और स्थानीय हस्तकला तथा व्यंजनों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
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भविष्य की राह: संभावनाओं से भरा बिहार
बिहार पर्यटन ने अब एक नई दिशा पकड़ ली है। सरकार अब इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा देने पर जोर दे रही है, जिससे विविध प्रकार के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। इसके लिए नए पर्यटन स्थलों की खोज और मौजूदा सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। पर्यटन विभाग ने आने वाले वर्षों में पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए नई नीतियों और प्रचार-प्रसार पर काम किया जा रहा है।
बोधगया, राजगीर, नालंदा, वैशाली और पटना साहिब जैसे स्थल पहले से ही विश्व मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुके हैं। अब विक्रमशिला और केसरिया जैसे कम ज्ञात लेकिन महत्वपूर्ण स्थलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इन प्रयासों से बिहार एक अग्रणी पर्यटन स्थल के रूप में अपनी जगह बना रहा है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। बिहार की पहचान अब सिर्फ इतिहास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रगति और विकास की नई इबारत लिख रहा है।




