
“भविष्य का लाभ, बड़े पैमाने की योजना, और बच्चों का करियर”| पॉज़िटिव और फ्यूचर-ओरिएंटेड यह न्यूज़ बिहार के उन नौनिहालों के लिए है जो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। जहां, अब उन्हें एक क्रांति सरीखे विशेष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से सीधा संवाद होगा।@पटना,देशज टाइम्स।
ग्रामीण बच्चों की किस्मत बदलेगी!
जी हां, बिहार में बड़ा बदलाव! अब एक करोड़ सरकारी बच्चों को स्कूल में सिखाई जाएगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। ग्रामीण बच्चों की किस्मत बदलेगी! बिहार सरकार स्कूलों में शुरू करेगी AI और डिजिटल स्किल्स की पढ़ाई– अब 6वीं से 12वीं तक बच्चों को मिलेगी AI और Data Skills की ट्रेनिंग।@पटना,देशज टाइम्स।
बिहार के बच्चों को मिलेगा हाई-टेक एजुकेशन
बिहार बनेगा Digital Hub! 2026 तक हर बच्चे को मिलेगी AI और Problem-Solving की शिक्षा। अब किताबों से आगे! बिहार के बच्चे सीखेंगे Artificial Intelligence, Data Analysis और Creative Thinking। 1 करोड़ बच्चों के लिए नीतीश सरकार की गारंटी – स्कूलों में AI और Digital Learning अनिवार्य। AI सीखेगा बिहार! अब सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को मिलेगा हाई-टेक एजुकेशन का तोहफ़ा
देशज टाइम्स खबरों का गरम भांप— ने लिखा था
देशज टाइम्स ने कल यानि रविवार को ही एक खबर प्रकाशित की थी। हालांकि, वह खबर ट्रांसर्फर-पोस्टिंग से जुड़ी थी। लेकिन, देशज टाइम्स खबरों का गरम भांप है। इसकी साेच दूरगामी है वह खबरों को पहले से भांप लेती है कि क्या होने वाला है नया—तो लीजिए यही है,
1 सितंबर से बदल जाएगा पूरे बिहार का शिक्षा विभाग, जानिए बड़ी वजह…
सरकार की बड़ी पहल: कक्षा 6 से 12 तक के एक करोड़ छात्रों को AI-डिजिटल स्किल्स की शिक्षा
नई शिक्षा नीति के अनुरूप कदम
बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य का शिक्षा विभाग कक्षा 6 से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल स्किल्स की पढ़ाई कराने जा रहा है। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) (स्रोत) के अनुरूप है, जिसमें बच्चों को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखकर टेक्नोलॉजी-ड्रिवन शिक्षा देने का लक्ष्य है।
कब और कैसे शुरू होगी योजना?
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह योजना 2025-26 सत्र से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू होगी। शुरुआत में चुनिंदा स्कूलों को शामिल किया जाएगा। इसके बाद 2026-27 तक पूरे बिहार के मिडिल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में इसे लागू कर दिया जाएगा।
इसके लिए बिहार सरकार जल्द ही एडोब (Adobe) कंपनी के साथ डिजिटल एजुकेशन प्रोग्राम पर एमओयू (MOU) साइन करेगी। Adobe एक अंतरराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो पहले से ही कई देशों में डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम चला रही है।
छात्रों को क्या-क्या सिखाया जाएगा?
योजना के तहत विद्यार्थियों को सिर्फ बेसिक कंप्यूटर ही नहीं, बल्कि भविष्य की नौकरियों से जुड़े विषय पढ़ाए जाएंगे। इनमें शामिल हैं: Artificial Intelligence (AI), Computer Skills, Data Analysis, Creative Thinking, Problem Solving, Digital Communication, Multimedia Content Creation।
शिक्षण प्रक्रिया एडोब के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी। इसमें विजुअल, ऑडियो और मल्टीमीडिया कंटेंट से बच्चों को इंटरेक्टिव तरीके से सिखाया जाएगा।
पहले से मौजूद मॉडल पर आगे बढ़ेगी सरकार
बिहार सरकार पहले ही ‘उन्नयन मॉडल’ के तहत 6,000 स्कूलों में 28 लाख बच्चों को 3D मल्टीमीडिया के जरिए पढ़ाने का प्रयोग कर चुकी है। अब उसी अनुभव को बड़े स्तर पर पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
शिक्षकों और छात्रों दोनों को मिलेगा प्रशिक्षण
MOU साइन होने के बाद बिहार सरकार की योजना है कि शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं।
शिक्षक पहले डिजिटल स्किल्स और AI के बुनियादी पहलुओं को समझेंगे। इसके बाद वे बच्चों को इंटरएक्टिव तरीके से पढ़ाएंगे। प्रशिक्षण के लिए वर्कशॉप्स, ऑनलाइन लर्निंग सेशन और डिजिटल मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे।
CBSE और अन्य राज्यों का संदर्भ
ध्यान देने योग्य है कि CBSE पहले ही कक्षा 9 से 12 में AI को एक विषय के रूप में लागू कर चुका है। बिहार सरकार अब उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए इस पहल को और व्यापक बनाने जा रही है।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी अब डिजिटल स्किल्स सीख सकेंगे। इससे उन्हें भविष्य की नौकरियों और ग्लोबल मार्केट की प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का मौका मिलेगा।
बच्चे प्रॉब्लम सॉल्विंग और क्रिएटिविटी में आगे होंगे। राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी इंटरनेशनल लेवल की शिक्षा से जुड़ेंगे। यह योजना डिजिटल इंडिया मिशन को भी मजबूती देगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विजन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार का मानना है कि यह योजना राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाई देगी। उनका कहना है कि –
“बिहार के बच्चे किसी से कम नहीं हैं। अगर उन्हें सही अवसर और तकनीकी शिक्षा मिले, तो वे भारत के डिजिटल भविष्य को दिशा देंगे।”
बच्चों को डिजिटल क्रांति का हिस्सा
बिहार सरकार की यह पहल न केवल नई शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को पूरा करेगी, बल्कि राज्य के बच्चों को डिजिटल क्रांति का हिस्सा भी बनाएगी। AI, डेटा एनालिसिस, क्रिएटिव थिंकिंग जैसी क्षमताएं उन्हें भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करेंगी।
यह कदम बिहार को शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र में एक नए दौर में ले जाने वाला साबित हो सकता है।