बिहार पुलिस: खाकी की चमक अक्सर कसौटी पर खरी उतरती है, लेकिन जब कुछ दाग लग जाएं तो पूरी वर्दी पर सवाल उठ खड़े होते हैं। बिक्रम थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार पर लगे आरोप इसी ओर इशारा कर रहे हैं।
Bihar Police: क्या है पूरा मामला?
बिक्रम थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार के लिए विदाई समारोह विवादों का सबब बन गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब माफिया, बालू माफिया और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से तोहफे कबूल किए। यह मामला तब गर्माया जब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें इन आरोपों को हवा दी गई। एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने इन गंभीर आरोपों को संज्ञान में लेते हुए विनोद कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कहा है कि बिना इजाजत किसी भी प्रकार का गिफ्ट लेना नियमों के खिलाफ है। वायरल पोस्ट में पूर्व थानाध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसकी जांच जारी है। इस घटना ने एक बार फिर पुलिसकर्मियों के आचरण और कर्तव्यपरायणता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
नियमानुसार होगी कार्रवाई
एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने साफ कर दिया है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर संबंधित थानाध्यक्ष के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना दर्शाती है कि पुलिस विभाग में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे मामलों से विभाग की छवि को नुकसान पहुँचता है, और आम जनता का विश्वास कमजोर होता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पुलिस महकमे में पदस्थापना और विदाई जैसे मौकों पर इस तरह के आरोप लगना चिंता का विषय है। उच्च अधिकारियों का मानना है कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटना आवश्यक है ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस तरह के अनैतिक कृत्यों में संलिप्त न हो। यह संदेश साफ है कि पुलिस में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है।



