पटना/देशज टाइम्स। 1500 में से 1000 शिक्षक संदिग्ध मिले हैं…ऐसे में अब शिक्षकों का फर्जी हाजिरी का खेल खत्म होने वाला है। आप भी कर सकते हैं शिकायत। जानिए कैसे, जहां, बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आम नागरिकों को भी इस फर्जीवाड़े के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का अधिकार मिल गया है।
फर्जी उपस्थिति से बिगड़ रही शिक्षा की गुणवत्ता
पटना जिले की जांच में सामने आया कि 1500 में से केवल 500 शिक्षक ही स्कूल में मौजूद पाए गए। शेष शिक्षक दूसरों को अपनी तस्वीर भेजकर उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे। इससे छात्रों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है और शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल का हो रहा दुरुपयोग
शिक्षक “ई-शिक्षा कोष पोर्टल” पर इन-आउट टाइम की सेल्फी अपलोड कर उपस्थिति दर्ज करते हैं। लेकिन कई शिक्षक खुद मौजूद नहीं रहकर किसी और से तस्वीर अपलोड करवा रहे हैं। यह तकनीकी सुविधा अब फर्जीवाड़े का माध्यम बनती जा रही है।
अब आम लोग भी कर सकेंगे शिकायत
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि कोई भी नागरिक शिकायत दर्ज करा सकता है। ईमेल के माध्यम से फर्जी उपस्थिति की जानकारी भेजी जा सकती है। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी, और प्रमाण की पुख्ता जांच की जाएगी।
जांच प्रक्रिया शुरू, दोषियों पर होगी कार्रवाई
रैंडम जांच के माध्यम से शिक्षकों की हाजिरी की पुष्टि की जाएगी। दोषी पाए गए शिक्षकों पर प्रशासनिक कार्रवाई तय है। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना है और कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया है।
शिक्षा सुधार की दिशा में मजबूत पहल
बिहार सरकार ने पहले ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। लेकिन कुछ लापरवाह शिक्षक इस सुधार प्रक्रिया को कमजोर कर रहे हैं। विभाग का साफ कहना है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर सेवा से बाहर किया जाएगा।
सख्त चेतावनी और पारदर्शिता की नीति
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने स्पष्ट कहा:
“जो शिक्षक फर्जी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, उन्हें किसी भी हालत में नहीं बख्शा जाएगा।”
उद्देश्य है कि स्कूलों में अनुशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता स्थापित की जाए। इससे शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा। साथ ही, बच्चों को बेहतर वातावरण मिलेगा।