बिहार कैबिनेट के बड़े फैसले: 2857 नए प्रधानाध्यापक, 30 हजार करोड़ की योजनाएं और अधिकारियों की बर्खास्तगी
✔ 146 एजेंडों पर मुहर, विकास को मिलेगी नई रफ्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की अहम बैठक हुई, जिसमें 146 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में शिक्षा, प्रशासनिक सुधार और विकास योजनाओं से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।
शिक्षा में बड़ा सुधार: 2857 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति
राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत राजकीय प्रोजेक्ट स्कूल, कन्या विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 2857 प्रधानाध्यापकों के नए पद सृजित किए गए हैं। इसके अलावा:
- 1539 पहले से स्वीकृत रिक्त पदों को प्रत्यर्पित किया गया।
- 1318 पदों को अप्रासंगिक (मृत पद) घोषित कर दिया गया।
प्रशासनिक सख्ती: दो अधिकारियों की बर्खास्तगी
सरकार ने प्रशासनिक सुधारों के तहत दो अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया:
- नीरज कुमार – नालंदा के तत्कालीन जिला अवर निबंधक (वर्तमान में निलंबित)।
- मंजू कुमारी – भोजपुर जिले के तरारी प्रखंड की तत्कालीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO)।
30 हजार करोड़ की 120 योजनाओं को मंजूरी
कैबिनेट बैठक में दक्षिण बिहार की 120 योजनाओं को मंजूरी दी गई, जिन पर 30,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे पहले, उत्तर बिहार की 187 योजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। यानी, अब तक कुल 50,000 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं पर सरकार की मुहर लग चुकी है।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़े फैसले
सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राजकीय प्रोजेक्ट स्कूल, कन्या विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्राचार्य (प्रिंसिपल) के 2857 नए पद सृजित किए गए हैं। इसके साथ ही, पहले से स्वीकृत 1539 रिक्त पदों को प्रत्यर्पित किया गया। 1318 पदों को मरनशील (अप्रासंगिक) घोषित कर दिया गया। नालंदा के तत्कालीन जिला अवर निबंधक नीरज कुमार (वर्तमान में निलंबित) को सेवा से बर्खास्त किया गया।
➡ मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं को अब जमीनी हकीकत में बदला जा रहा है।
सीएम नीतीश की प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाएं…यूं