Cold Wave: जैसे प्रकृति ने अपना गुस्सा दिखाया हो, पिछले एक सप्ताह से जिले में जारी शीतलहर का प्रकोप अब और भीषण हो गया है। पछुआ हवाओं और हड्डियों को कंपा देने वाली कनकनी ने आम जनजीवन को पूरी तरह से ठप्प कर दिया है, लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
Cold Wave का कहर: जिले में शीतलहर से जनजीवन ठिठुरा, पारा गिरा, घरों में दुबके लोग
Cold Wave का बढ़ता प्रकोप और जनजीवन पर असर
Cold Wave: पिछले एक सप्ताह से जिले में जारी शीतलहर का प्रकोप अब और भीषण हो गया है। पछुआ हवा और हड्डियों को कंपा देने वाली कनकनी ने जनजीवन को पूरी तरह से ठप्प कर दिया है। सुबह से शाम तक लोग घरों में ही दुबके रहने को मजबूर हैं, जिसका सीधा असर रोजमर्रा के कामकाज पर पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक तापमान में गिरावट जारी रहने की संभावना है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है। शहर के बाजारों में चहल-पहल कम हो गई है, और सुबह-शाम सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। खासकर दिहाड़ी मजदूरों और छोटे दुकानदारों के लिए यह मौसम मुसीबत बन गया है। काम न मिलने और ग्राहक न होने के कारण उनकी आय पर सीधा असर पड़ रहा है। बच्चे और बुजुर्ग अत्यधिक ठंड की चपेट में आने से बीमार पड़ रहे हैं, जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा अभी तक अलाव की व्यवस्था अपर्याप्त दिख रही है, जिससे गरीबों और बेघर लोगों को रातें गुजारना मुश्किल हो रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सावधानियां और प्रशासन की भूमिका
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी कम हो गई है, हालांकि कई निजी स्कूलों ने अभी तक शीतकालीन अवकाश घोषित नहीं किया है। लोग घरों में हीटर, ब्लोअर और अलाव का सहारा ले रहे हैं, ताकि कड़ाके की ठंड से बचा जा सके। ऐसे में, नागरिकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। इस Extreme Cold के मौसम में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने, पौष्टिक भोजन लेने और घर से अनावश्यक बाहर न निकलने की सलाह दी है। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाना बेहद जरूरी है। जिला प्रशासन को सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था और गरीब तबके के लोगों के लिए कंबल वितरण की पहल को और तेज करने की आवश्यकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें ताकि कोई भी व्यक्ति इस कड़ाके की ठंड की मार झेलने को मजबूर न हो। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शीतलहर का प्रकोप जारी है, जहां खुले में काम करने वाले किसानों और पशुपालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह Extreme Cold न केवल दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहा है बल्कि खेती-किसानी पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।





