पटना में नीतीश मंत्रिपरिषद की बैठक नये साल में आज पहली बार हुई। बैठक में कुल छह एजेंडों पर मुहर लगायी है। मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
बैठक में राज्य सरकार ने कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 105 करोड़ रुपए की अग्रिम स्वीकृति को मंजूरी दे दी है।
इतना ही नहीं नीतीश कैबिनेट ने आज बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक एक नगर निकाय और तीन नगर निकायों के क्षेत्र विस्तार को भी अपनी मंजूरी दी है।
साथ ही साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह बैद्य, शहीद नाथून प्रसाद यादव, स्वर्गीय शीलभद्र याजी, स्वर्गीय मोगल सिंह और स्वर्गीय डूमर प्रसाद सिंह के सम्मान में बख्तियारपुर में प्रतिमा स्थल बनाने और हर साल 17 जनवरी को राजकीय समारोह का आयोजन किए जाने को भी स्वीकृति दी गई है।
इसके साथ ही 50000 रुपये की दर से कोरोना वायरस से मृत व्यक्ति के परिजन को अनुग्रह अनुदान देने के लिए 20 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
नीतीश कैबिनेट ने बिहार नगर पालिका अधिनियम-2007 के आलोक में एक नए नगर निकाय का गठन एवं तीन नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार की स्वीकृति दी गई है ।बिहार पेशा कर नियमावली में संशोधन की स्वीकृति दी गई है।
बिहार में राजस्व वृद्धि के लिए बिहार ईख (आपूर्ति एवं खरीद का विनियमन) नियमावली-1978 के नियम, उपनियम में प्रथम अनुज्ञप्ति शुल्क, नवीकरण शुल्क में संशोधन का प्रस्ताव पास किया गया है।इसके साथ ही अब लाइसेंस के शुल्क का नवीनीकरण हो जाएगा। वाणिज्य कर विभाग से जुड़े बिहार पेशा कर नियमावली 2011 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी।
बैठक में कुछ स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के उदेश्य से 17 जनवरी को राजकीय समारोह मनाने का निर्णय लिया गया है। निर्णय के अनुसार प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह, वैद्य शहीद नाथुन प्रसाद यादव, शीलभद्र याजी, मोगल सिंह, एवं डूमर प्रसाद सिंह के सम्मान में नगर परिषद क्षेत्र बख्तियारपुर में स्थापित प्रतिमा स्थल पर प्रत्येक वर्ष 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित किया जायेगा । स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता थे। उनकी प्रतिमा बख्तियारपुर में लगी है। अब उसी प्रतिमा स्थल पर हर साल 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित किये जायेंगे।