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25 अप्रैल, 2024
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JP Ganga Path: ले बलैया ! उद्घाटन के 48 घंटे बाद ‘ दरार ‘ कैसी ₹ 3831 करोड़ की जेपी गंगा पुल…नाइंसाफी है सरकार

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JP Ganga Path: ले बलैया ! 10 अप्रैल को उद्घाटन 2 दिन बाद ‘ दरार ‘ कैसी ₹ 3831 करोड़ की जेपी गंगा पुल…बड़ा नाइंसाफी है सरकार। जेपी गंगा पथ पर दरार से हड़कंप मचा है। उद्घाटन के दो दिन बाद सामने आई बड़ी खामी से विभाग समेत प्रशासन सकते में हैं। वजह यह, सीएम नीतीश कुमार ने इसका उदधाटन दो दिन पूर्व ही किया था, जैसे आवाजाही शुरू हुई असलीयत सामने आ गई…।

अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है… — PM MODI in Madhubani

 

पटना का ‘मरीन ड्राइव’ कहे जाने वाले जेपी गंगा पथ (JP Ganga Path) पर उद्घाटन के महज दो दिन बाद ही दरारें (Cracks) आ गईं, जिससे पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अप्रैल को बड़े तामझाम के साथ कंगन घाट से दीदारगंज तक के हिस्से का उद्घाटन किया था। लेकिन अब दीदारगंज के पास पिलर नंबर A-3 के पास दोनों लेन में दरारें दिखाई दी हैं।

उद्घाटन के तुरंत बाद शुरू हुआ ट्रैफिक, दीदारगंज के पास टूटी सड़क

गुरुवार को लोकार्पण के बाद जब वाहनों का आवागमन इस मार्ग पर शुरू हुआ, तो दीदारगंज इलाके में पथ की दोनों लेन में दरारें देखी गईं।
स्थानीय लोगों ने इस खामी को देखते ही प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद निर्माण एजेंसी और पथ निर्माण विभाग में अफरा-तफरी मच गई।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • उद्घाटन स्थल: कंगन घाट से दीदारगंज तक का हिस्सा

  • उद्घाटनकर्ता: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, विधायक संजय चौरसिया सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

  • समारोह के दौरान तेज आंधी और बारिश के बावजूद कार्यक्रम पूरा किया गया था।

उद्घाटन के दो दिन बाद दरारें

20.5 किलोमीटर लंबा जेपी गंगा पथ (Patna Marine Drive) दीघा से दीदारगंज तक गंगा नदी के किनारे बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शहर की ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करना और आपातकालीन सेवाओं (Emergency Services) को बेहतर बनाना था। लेकिन उद्घाटन के बाद जब वाहनों का आवागमन शुरू हुआ, तो दीदारगंज के पास सड़क की सतह पर चौंकाने वाली दरारें दिखने लगीं।

दोनों लेन में फैली दरारें

हैरानी की बात यह है कि दरारें सिर्फ एक हिस्से तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि दोनों लेन (Both Lanes) में फैल गई हैं। स्थानीय लोगों ने इसे देखकर तुरंत प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद निर्माण एजेंसी और पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) में हड़कंप मच गया।

भव्य समारोह में हुआ था उद्घाटन

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अप्रैल को बड़े मंच से रिमोट का बटन दबाकर जेपी गंगा पथ का लोकार्पण किया था। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, दीघा विधायक संजीव चौरसिया समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

क्या जल्दबाजी में किया गया उद्घाटन?

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में बिना पूरी जांच पड़ताल किए उद्घाटन कर दिया? तेज आंधी और बारिश के बीच उद्घाटन करने की जल्दबाजी पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। क्या चुनावी सौगात देने की हड़बड़ी में जनता की जान से खिलवाड़ किया गया?

पटना के Marine Drive में दरारें: निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

जेपी गंगा पथ का निर्माण शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने और आपातकालीन सेवाओं की गति बढ़ाने के मकसद से किया गया था। लेकिन उद्घाटन के महज 48 घंटे में दरारें उभरना परियोजना की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी जल्दी सड़क पर दरारें आना संकेत देता है कि या तो निर्माण सामग्री में कमी रही है, या फिर जल्दबाजी में परीक्षण किए बिना लोकार्पण कर दिया गया।

चुनावी लाभ के लिए जल्दबाजी?

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2025) के मद्देनजर सरकार ने जल्दबाजी में उद्घाटन कर जनता को चुनावी सौगात देने की कोशिश की?
बारिश और तेज हवाओं के बीच लोकार्पण कर देना इस आशंका को और मजबूत कर रहा है कि कहीं यह सरकार द्वारा जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो नहीं है?

आगे क्या होगा?

प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
निर्माण एजेंसी और पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
सूत्रों के अनुसार, जल्द ही एक तकनीकी जांच समिति गठित कर दरारों के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई हो सकती है।

निष्कर्ष: पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की भी मांग

3831 करोड़ की लागत से बनी पटना की यह महत्वाकांक्षी परियोजना बिहार सरकार की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। बिहार की जनता अब सुरक्षित सड़क सुविधा के साथ-साथ पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की भी मांग कर रही है।

पथ निर्माण विभाग ने दी सफाई

पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों ने दरार की खबर की पुष्टि की है, लेकिन इसे ‘मामूली’ बताकर बचाव करने की कोशिश की है। एक अधिकारी ने कहा,

“यह सतह की छोटी दरारें हैं, जो भारी वाहनों के दबाव से हो सकती हैं। ढांचे की सुरक्षा पर कोई असर नहीं है।”

विभाग ने बिहार राज्य सड़क निर्माण निगम लिमिटेड (BSRDC) को तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और मरम्मत का काम (Repair Work) शुरू करने की बात कही है।

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