CTET Exam: सरकारी नौकरी की आस में लाखों दिलों की धड़कनें तेज हुई हैं। शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश की यह सबसे बड़ी परीक्षा, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) के लिए इस बार आवेदन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
CTET Exam: रिकॉर्डतोड़ आवेदन, 25 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने भरा फॉर्म, बिहार से 6 लाख उम्मीदवार
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) फरवरी 2026 के लिए रिकॉर्ड तोड़ आवेदन आए हैं। इस बार देश भर से 25 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शा रहा है। यह आंकड़ा भारत में शिक्षण पेशे के प्रति बढ़ते रुझान और सरकारी नौकरी की चाहत को स्पष्ट रूप से उजागर करता है।
CTET Exam: क्यों बढ़े आवेदन और क्या है महत्व?
इस रिकॉर्ड आवेदन के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। देशभर में शिक्षकों की बढ़ती मांग, विभिन्न राज्यों में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया का तेज होना और सरकारी नौकरी की सुरक्षा व सम्मान का आकर्षण प्रमुख वजहें हैं। सीटेट, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए एक अनिवार्य शिक्षक पात्रता परीक्षा है, जिसे पास करने के बाद ही उम्मीदवार केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों सहित राज्य सरकारों द्वारा संचालित स्कूलों में आवेदन कर पाते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
विशेष रूप से बिहार राज्य से इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या सामने आई है। अकेले बिहार से लगभग 6 लाख उम्मीदवार इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल होंगे, जो कुल आवेदनों का एक बड़ा हिस्सा है। यह दर्शाता है कि बिहार में शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले युवाओं की संख्या में भारी उछाल आया है।
बिहार की भागीदारी: एक बड़ी संख्या
बिहार में हाल ही में हुए शिक्षक भर्ती अभियानों ने युवाओं में नई उम्मीद जगाई है। प्रदेश सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर की गई नियुक्तियों ने अन्य अभ्यर्थियों को भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल होने के लिए प्रेरित किया है। यह न केवल राज्य के शैक्षिक परिदृश्य को मजबूत करेगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सीटेट परीक्षा का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा साल में दो बार किया जाता है। यह परीक्षा दो पेपर में होती है – पहला पेपर कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों के लिए और दूसरा पेपर कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षकों के लिए होता है। दोनों पेपर में सफल होने वाले अभ्यर्थी संबंधित स्तर के विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए योग्य माने जाते हैं। परीक्षा का यह बढ़ता पैमाना शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अवसरों की ओर भी इशारा करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
परीक्षा की तैयारी और भविष्य की राह
अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा के पाठ्यक्रम और पैटर्न को ध्यान से समझें। नियमित अभ्यास, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण और समय-प्रबंधन सफलता की कुंजी हैं। यह परीक्षा न केवल ज्ञान का आकलन करती है, बल्कि शिक्षण के प्रति उम्मीदवार के दृष्टिकोण और जुनून को भी परखती है। लाखों सपनों को साकार करने वाली यह परीक्षा भारत के शिक्षा भविष्य की नींव है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




