
पटना में CBI Officer बनकर साइबर ठगी की सनसनी
पटना में साइबर ठगी (Cyber Fraud) का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इसमें ठगों ने सीबीआई अधिकारी (CBI Officer) बनकर एक युवक से 44 लाख रुपये ठग लिए। पाटलिपुत्र निवासी युवक को ट्राई (TRAI) और सीबीआई का नाम लेकर फंसाया गया।
कैसे हुई ठगी की शुरुआत
युवक को एक अज्ञात नंबर से फोन आया और बताया गया कि उसके मोबाइल नंबर पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का मामला दर्ज है।
- ठग ने दावा किया कि उसका नंबर महाराष्ट्र के ईस्ट अंधेरी पुलिस स्टेशन से जुड़ा है।
- उसे डराने के लिए पुलिस कंप्लेंट नंबर और केस का विवरण भी दिया गया।
- ठगों ने आरोप लगाया कि अंधेरी में एक व्यक्ति ने उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सिम कार्ड (SIM Card) और एटीएम कार्ड (ATM Card) से करोड़ों का लेन-देन किया है।
सीबीआई अधिकारी का फर्जी दावा
फोन कॉल को एक अन्य ठग के नंबर पर ट्रांसफर कर दिया गया। ठग ने खुद को सीबीआई अधिकारी (CBI Officer) बताते हुए कहा कि युवक डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) में है।
- डराने के लिए व्हाट्सएप पर फर्जी अरेस्ट वारंट (Fake Arrest Warrant) और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े फर्जी दस्तावेज भेजे गए।
- युवक को बताया गया कि उसके खिलाफ गंभीर कार्रवाई हो सकती है।
24 घंटे का डिजिटल अरेस्ट
ठगों ने युवक को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा।
- वीडियो कॉल (Video Call) के जरिए उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी गई।
- ठगों ने युवक से बैंक खाता (Bank Account) और अन्य व्यक्तिगत जानकारी (Personal Information) साझा करने को कहा।
- युवक को बैंक जाकर आरटीजीएस (RTGS) के जरिए दो बार में 44 लाख रुपये ट्रांसफर करने को मजबूर किया गया।
ठगी का एहसास और पुलिस में शिकायत
तीन दिन बाद युवक को ठगी का एहसास हुआ और उसने साइबर थाने (Cyber Police Station) में शिकायत दर्ज कराई।
- पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- युवक ने बताया कि ठगों ने उसे डराने और गुमराह करने के लिए फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) और तकनीकी उपायों का इस्तेमाल किया।
ठगी का तरीका और सतर्कता की जरूरत
यह घटना साइबर अपराध (Cyber Crime) की नई तरकीबों को उजागर करती है।
- ठगों ने सीबीआई और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) जैसे गंभीर मामलों का डर दिखाकर योजनाबद्ध तरीके से ठगी की।
- व्हाट्सएप (WhatsApp) पर फर्जी दस्तावेज भेजने और वीडियो कॉल के जरिए नजर रखने जैसी चालाकियां अपनाई गईं।
सतर्कता कैसे बरतें?
- किसी भी अज्ञात कॉल (Unknown Call) या संदेश पर तुरंत भरोसा न करें।
- व्यक्तिगत जानकारी (Personal Information) जैसे बैंक खाते, आधार कार्ड नंबर आदि साझा करने से बचें।
- यदि कोई संदिग्ध गतिविधि हो, तो तुरंत पुलिस (Police) या साइबर सेल (Cyber Cell) में शिकायत दर्ज कराएं।
- फर्जी कॉल्स (Fake Calls) और दस्तावेजों को पहचानने की क्षमता बढ़ाएं।
निष्कर्ष
यह मामला यह साबित करता है कि डिजिटल युग (Digital Age) में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। आम जनता को ऐसी घटनाओं से सतर्क रहने और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। साइबर सुरक्षा (Cyber Security) के उपाय अपनाकर ही ऐसी ठगी से बचा जा सकता है।