Bihar के हर प्रखंड में खुलेगा Degree College, 2 विश्वविद्यालय को Central University का दर्जा| पटना– में आयोजित रामचंद्र खान सामाजिक विज्ञान पुरस्कार समारोह के दौरान बिहार के (Bihar Degree College Plan | Bihar Education Development) डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने राज्य के शैक्षणिक विकास को लेकर कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए अब राज्य से बाहर न जाना पड़े।
हर प्रखंड में खुलेगा डिग्री कॉलेज
सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार के 350 प्रखंड ऐसे हैं, जहां अब तक डिग्री कॉलेज (Degree College) नहीं हैं। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने हर ऐसे प्रखंड में डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु:
छात्रों को बिहार से बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा।
स्थानीय स्तर पर ही उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे।
बिहार में 10 नए एयरपोर्ट बनाने की योजना
इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार की दिशा में भी कई बड़े प्रयास किए जा रहे हैं। डिप्टी सीएम ने बताया:
10 एयरपोर्ट बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
इनमें से 7 एयरपोर्ट को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है।
शेष 3 छोटे एयरपोर्ट के लिए प्रक्रिया जारी है।
एयर ट्रैफिक (Air Traffic) के विकास से राज्य में यात्रा और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
विक्रमशिला को मिलेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा
सम्राट चौधरी ने कहा कि:
भागलपुर स्थित विक्रमशिला को केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University) का दर्जा दिया जाएगा।
इसके लिए 200 एकड़ से ज्यादा भूमि का अधिग्रहण शुरू हो चुका है।
इससे बिहार की उच्च शिक्षा (Higher Education) को नई दिशा मिलेगी।
बिहार के ऐतिहासिक शैक्षणिक गौरव का उल्लेख
डिप्टी सीएम ने बिहार के शैक्षणिक इतिहास पर भी प्रकाश डाला:
नालंदा, विक्रमशिला और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों ने प्राचीन काल में दुनिया को शिक्षा दी।
आज नालंदा यूनिवर्सिटी (Nalanda University) की पुनः स्थापना से बिहार का शैक्षणिक गौरव लौट रहा है।
19 जून 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नालंदा के महत्व को पुनः मान्यता दी थी।
कोटा में बिहारियों की भूमिका का जिक्र
सम्राट चौधरी ने कोटा का उदाहरण देते हुए कहा:
कोटा में पढ़ने वाले और पढ़ाने वाले अधिकांश छात्र-शिक्षक बिहार के ही होते हैं।
इसका मतलब है कि बिहार में प्रतिभा और गुणवत्ता की कोई कमी नहीं है, बस संसाधनों की आवश्यकता है।
सरकार अब शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
रामचंद्र खान को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के समापन पर डिप्टी सीएम ने रामचंद्र खान को श्रद्धांजलि दी:
उन्हें एक सख्त प्रशासक और ईमानदार समाजसेवी के रूप में याद किया।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद मनोज झा भी मौजूद रहे।
यह घोषणाएं बिहार को शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकेत देती हैं।
निष्कर्ष (Conclusion): शैक्षिक उत्कृष्टता के केंद्र
बिहार सरकार द्वारा उठाए जा रहे ये कदम राज्य के युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने और शैक्षणिक पलायन को रोकने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। अगर ये योजनाएं सफलतापूर्वक लागू होती हैं, तो बिहार फिर से शैक्षिक उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभर सकता है।