पटना कोर्ट में वकील की गिरफ्तारी से हंगामा!, “छेड़खानी का आरोप या पुलिसिया बदला? “वकीलों ने दी आंदोलन की चेतावनी! जहां, पटना सिविल कोर्ट में वकील की गिरफ्तारी पर बवाल हो गया। पुलिस और वकीलों के बीच तीखी झड़प के बीच अब न्याय की मांग पर अडिग वकील समाज ने जमकर हंगामा के साथ अल्टीमेटम दिया है। जहां, छेड़खानी के आरोप में वकील जयप्रकाश की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट परिसर में भारी हंगामा हुआ है।
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पुलिस और वकीलों के बीच तीखी बहस और हंगामे
पटना | देशज टाइम्स, पटना सिविल कोर्ट परिसर सोमवार को उस समय तनावग्रस्त हो गया जब वकील जयप्रकाश की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस और वकीलों के बीच तीखी बहस और हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। पीरबहोर थाना पुलिस द्वारा जयप्रकाश को छेड़खानी के आरोप में कोर्ट में पेश किए जाने के बाद वकीलों ने इसे “पुलिसिया दमन” बताया और विरोध दर्ज कराया।
वकीलों का आरोप: गिरफ्तारी गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण
वकील समाज का कहना है कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से गैरकानूनी है। उनका आरोप है कि पुलिस ने कोई अग्रसारण रिपोर्ट, एफआईआर या कस्टडी वारंट नहीं दिखाया। जयप्रकाश को सीधे न्यायालय में पेश कर दिया गया, जो न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। पुलिस ने पूर्व नियोजित बदले की भावना से कार्रवाई की है।
घटना की शुरुआत रविवार शाम से
रविवार शाम वकील जयप्रकाश शहर के कुल्हाड़ियां इलाके से गुजर रहे थे, जब उन्होंने देखा कि ट्रैफिक पुलिस एक ऑटो चालक के साथ मारपीट कर रही थी। जयप्रकाश ने इस पर विरोध जताया और घटना का वीडियो बनाना शुरू किया। वकीलों के अनुसार, यही बात पुलिस को नागवार गुज़री, और उन्होंने जयप्रकाश को मौके पर ही पकड़ लिया, मारपीट की और पूरी रात थाने में रखा।
सोमवार को कोर्ट में पेश, वकीलों ने जताया आक्रोश
सोमवार सुबह, वकील जयप्रकाश को छेड़खानी के आरोप में कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद वकीलों ने तीखा विरोध जताया। जयप्रकाश ने कोर्ट में बताया कि उन्हें थाने में शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
टाउन एएसपी पहुंचीं कोर्ट, किया स्थिति को शांत करने का प्रयास
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए टाउन एएसपी दीक्षा कुमारी स्वयं कोर्ट परिसर पहुंचीं और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। उन्होंने वकीलों को जांच का आश्वासन दिया, लेकिन वकील शांत नहीं हुए और पुलिस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वकील समाज की चेतावनी: नहीं मिली न्याय, तो होगा आंदोलन
वकील ऋषिकेश नारायण सिन्हा ने मीडिया से कहा:
“यह सीधा-सीधा पुलिसिया दमन है। एक वकील समाज का प्रहरी होता है। अगर उसे ही यूं प्रताड़ित किया जाएगा तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी रह जाएगी?”
वकीलों ने कहा कि: यदि निष्पक्ष जांच नहीं हुई और दोषियों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन किया जाएगा।
पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रेस रिलीज जारी नहीं की गई है।
हालांकि, सूत्रों के अनुसार, वकील जयप्रकाश पर महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा छेड़खानी का आरोप लगाया गया है, जिसके आधार पर गिरफ्तारी की गई।
मामला गहराया, बनी विशेष जांच टीम की संभावना
मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा एक विशेष जांच टीम का गठन किया जा सकता है। इस घटना ने एक बार फिर पटना में कानून व्यवस्था और पुलिस-वकील संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
न्यायिक प्रक्रिया हुई प्रभावित
कोर्ट परिसर में हंगामे के कारण सामान्य न्यायिक कार्य भी प्रभावित हुआ।
इससे न्यायालय आने वाले आम लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ी।
अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट और प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी
वकील समाज एकजुट होकर न्याय की मांग पर अडिग है और मामले में उच्चस्तरीय जांच व दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।