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12 दिसम्बर, 2024
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IAS Sanjeev Hans: Jhanjharpur Ex MLA Gulab Yadav | IAS संजीव हंस, झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव, पत्नी विधान पार्षद अंबिका यादव पर FIR

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IAS Sanjeev Hans: Jhanjharpur Ex MLA Gulab Yadav | IAS संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के अलावे पत्नी पत्नी विधान पार्षद अंबिका यादव पर FIR| जहां, बिहार कैडर के IAS अधिकारी ( FIR against IAS Sanjeev Hans and former Jhanjharpur MLA Gulab Yadav) संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर एफआईआर दर्ज की गई है।

एफआईआर आय से अधिक संपत्ति मामले से जुड़ा है

जानकारी के अनुसार, एफआईआर आय से अधिक संपत्ति मामले से जुड़ा है। जहां, ईडी की अनुशंसा पर विशेष निगरानी इकाई ने एफआईआर दर्ज करते हुए आगे की तहकीकात तेज कर दी है। वहीं, संजीव और गुलाब के अलावे इस प्राथमिकी में दर्जनभर अन्य लोगों के भी नाम दर्ज हैं जो इस एफआईआर में नामजद किए गए हैं।

एफआईआर में संजीव हंस की पत्नी मोना हंस, गुलाब यादव की पत्नी विधान पार्षद अंबिका यादव का भी नाम

जानकारी के अनुसार, एफआईआर में संजीव हंस की पत्नी मोना हंस, गुलाब यादव की पत्नी विधान पार्षद अंबिका यादव का भी नाम शामिल किया गया है। संजीव हंस पर कार्रवाई के लिए एसयूवी ने सरकार से अनुमति मांगी थी। इडी की अनुशंसा के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और DGP आलोक राज के स्तर पर हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद इन पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी गई।

13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के 87 लाख नकद, लाखों रुपये मूल्य की विदेशी

जानकारी के अनुसार, जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, झंझारपुर समेत 21 स्थानों पर छापा मारा था। इसके बाद पंजाब, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में भी इसी कड़ी में सर्च किया गया था। इस दौरान 13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के 87 लाख नकद, लाखों रुपये मूल्य की विदेशी घड़ियां समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए थे। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की जांच में पता चला है कि हंस ने एक कंपनी को ठेका देने के बदले में मर्सिडीज कार ली थी।

एक महिला के साथ शारीरिक शोषण और अवैध लेनदेन

इतना ही नहीं, उन पर एक महिला के साथ शारीरिक शोषण और अवैध लेनदेन के भी आरोप हैं। ईडी को उनकी पत्नी और पूर्व विधायक गुलाब यादव के साथ मिलकर अवैध कमाई को छिपाने के सबूत भी मिले हैं। एसवीयू की ओर से दर्ज प्राथमिकी में खुलासा हुआ है कि संजीव हंस ने प्री-पेड मीटर लगाने वाली एक कंपनी को ठेका देने के एवज में मर्सिडीज कार ली थी।

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