
बिहार के हर जिले में अब होगा FSL ऑफिस! अपराधियों की खैर नहीं। अब अपराध का राज़ खुलेगा तुरंत! बिहार के सभी जिलों में खुलेंगे फॉरेंसिक लैब। पुलिस को मिला हाईटेक हथियार! अक्टूबर तक 51 FSL मोबाइल वैन सड़क पर दौड़ेंगी। बिहार में अपराधियों की बढ़ी टेंशन! CID अक्टूबर तक खरीदेगी 34 नई FSL वैन। सबूत जुटाना होगा आसान! फिंगरप्रिंट से लेकर DNA तक हर जिले में जांच सुविधा@पटना,देशज टाइम्स।
बिहार के सभी जिलों में जल्द खुलेगा एफएसएल (Forensic Science Lab) कार्यालय, अपराध जांच होगी और सशक्त
सभी जिलों में कम से कम एक एफएसएल कार्यालय स्थापित करने की योजना
बिहार सरकार अपराध की जांच प्रक्रिया को और अधिक वैज्ञानिक व सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य के सभी जिलों में एफएसएल (Forensic Science Laboratory) का कार्यालय खोला जाएगा। वर्तमान में केवल पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, राजगीर और पूर्णिया में ही एफएसएल कार्यालय या चलंत विधि विज्ञान इकाई कार्यरत हैं। लेकिन अब शेष जिलों में भी इसकी स्थापना सुनिश्चित करने के लिए सीआईडी विंग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।
एफएसएल (Forensic Science Laboratory) अपराध की वैज्ञानिक जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे जांच प्रक्रिया पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित होती है।
मोबाइल एफएसएल वैन की तैनाती से घटना स्थल पर ही होगी जांच
नई व्यवस्था के तहत सभी जिलों में कम से कम एक मोबाइल एफएसएल वैन की भी तैनाती की जाएगी। फिलहाल राज्य में कुल 17 वैन मौजूद हैं, जिनकी तैनाती पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत 13 जिलों में की गई है।
अब इनकी संख्या को और बढ़ाने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। वर्तमान में 34 नई वैन की खरीद प्रक्रिया जारी है, जो अक्टूबर 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद राज्य में एफएसएल वैन की कुल संख्या 51 हो जाएगी।
बड़े जिलों में होगी अतिरिक्त वैन की सुविधा
एफएसएल वैन की संख्या बढ़ने से बड़े शहरों और अधिक एफआईआर दर्ज करने वाले जिलों में अतिरिक्त वैन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा 50 और विशेष वाहनों की मांग गृह विभाग से की गई है। यह प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) को भेजा जाएगा। इस कदम से न सिर्फ अपराध की जांच की गति बढ़ेगी बल्कि न्यायिक प्रक्रिया को भी मजबूती मिलेगी।
इन वैन की खासियत
एफएसएल वैन को अपराध की जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इन वैन की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं। इसमें, फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट जांच किट, नारकोटिक्स पदार्थों की पहचान के उपकरण, रक्त एवं अन्य जैविक नमूनों के संग्रहण की सुविधा, उच्च क्षमता वाला कैमरा और कृत्रिम लाइट, डिजिटल तकनीक आधारित साक्ष्य संरक्षण प्रणाली शामिल हैं। इन वैन की मदद से घटना स्थल पर ही साक्ष्यों की प्राथमिक जांच की जा सकती है। इससे कई मामलों में तुरंत साक्ष्य नष्ट होने से बच जाते हैं और अदालत में मजबूत केस तैयार करने में सहूलियत होती है।
अपराध जांच प्रणाली होगी और पारदर्शी
अपराध जांच में वैज्ञानिक साक्ष्यों का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। परंपरागत तरीकों से अपराध सुलझाने की बजाय अब पुलिस महकमा फॉरेंसिक साइंस पर अधिक भरोसा कर रहा है।
भारत सरकार का गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) भी लगातार राज्यों को फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की सलाह देता रहा है। बिहार में एफएसएल कार्यालयों की स्थापना और मोबाइल वैन की तैनाती से गंभीर अपराधों की जांच में तेजी आएगी। साक्ष्य संरक्षण बेहतर होगा। अदालतों में वैज्ञानिक आधार पर मुकदमे की पैरवी मजबूत होगी।
एफएसएल विस्तार से जुड़े आंकड़े
वर्तमान में एफएसएल कार्यालय: 6 जिले (पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, राजगीर, पूर्णिया), वर्तमान मोबाइल वैन: 17, अक्टूबर 2025 तक होने वाली वैन की संख्या: 51, अतिरिक्त वैन की मांग: 50 है।
एफएसएल कार्यालय और मोबाइल वैन की तैनाती से
राज्य के सभी जिलों में एफएसएल कार्यालय और मोबाइल वैन की तैनाती से बिहार पुलिस की अपराध जांच क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यह पहल न सिर्फ अपराधियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य जुटाने में सहायक होगी, बल्कि आम जनता का न्याय व्यवस्था पर भरोसा भी और मजबूत करेगी।