बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन सोमवार सुबह हो गया है। नरेंद्र सिंह के निधन की खबर सुनने के बाद राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गयी है।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे। वे 1974 के जेपी आंदोलन के प्रखर सेनानी थे। सामाजिक कार्यों में भी उनकी गहरी अभिरूचि थी। वे अपने क्षेत्र में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उनके निधन से मैं मर्माहत हूं। उन्होंने मेरे साथ मेरे मंत्रिमंडल सहयोगी के रूप में मंत्री पद की जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया था। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री ने स्व.नरेन्द्र सिंह के पुत्र विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह से दूरभाष पर वार्ता कर उन्हें सांत्वना दी है। स्व नरेन्द्र सिंह जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा । मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चीर शांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
जेपी आंदोलन के समय हुए राजनीति में सक्रिय
बिहार के जमुई जिले से आने वाले नरेंद्र सिंह जेपी आंदोलन के वक्त से राजनीति में सक्रिय हुए। लालू प्रसाद यादव से लेकर नीतीश कुमार तक के साथ उन्होंने सियासत की।नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में वह मंत्री भी बने, लेकिन बाद में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ चले गये। हालांकि नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह निर्दलीय चुनाव जीतने के बावजूद नीतीश कैबिनेट में मंत्री बने।
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से नरेंद्र सिंह अपनी राजनीतिक पारी को विराम देने लगे थे. पिछले कुछ अर्से से उनकी तबीयत खराब थी, जिसके बाद उन्हें पटना के एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया गया था, यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नरेंद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। नरेंद्र सिंह को एक राजनैतिक योद्धा बताते हुए जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनकी कमी बिहार के राजनीतिक जगत को हमेशा खलेगी।
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन हो गया है। नरेंद्र सिंह बिहार के कृषि मंत्री रहे और उनके बेटे सुमित सिंह फिलहाल नीतीश मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। नरेंद्र सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और पटना के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। इसी अस्पताल में उन्होंने सोमवार सुबह अंतिम सांस ली है। नरेंद्र सिंह के निधन की खबर सुनने के बाद राजनीतिक गलियारे में शोक है। नरेंद्र सिंह को लीवर के ऊपर गांठ की समस्या होने के बाद 29 मार्च 2022 को नई दिल्ली स्थित एम्स में उनका ऑपरेशन हुआ था।
बिहार के जमुई जिले से आने वाले नरेंद्र सिंह जेपी आंदोलन के वक्त से राजनीति में सक्रिय हुए। उन्होंने कई बार यहां के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। नीतीश सरकार में अलग अलग विभागों के मंत्री भी रहे। लालू प्रसाद यादव से लेकर नीतीश कुमार तक के साथ उन्होंने सियासत की नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में वह मंत्री भी बने, लेकिन बाद में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ चले गये। राजपूत समाज से आने वाले नरेंद्र सिंह का राजपूत बिरादरी की राजनीति में विशेष प्रभाव था। उनके निधन की खबर से पैतृक जिले जमुई में भी शोक है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नरेंद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। नरेंद्र सिंह को एक राजनैतिक योद्धा बताते हुए जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनकी कमी बिहार के राजनीतिक जगत को हमेशा खलेगी।
लालू यादव औ नीतीश कुमार के साथ नरेंद्र सिंह आपातकाल के समय से ही जुड़े थे। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी राजनीति जीवन को गति दी और अपने जीवन में बिहार में सक्रिय राजनीति करते रहे। लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच उपजे विवाद के बाद उन्होंने नीतीश कुमार का साथ दिया।
बिहार की राजनीति में ऐसा कहा जाता है कि नरेंद्र सिंह उन कुछ खास लोगों में रहे जिन्होंने नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने के लिए लम्बा संघर्ष किया। वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र सिंह भी उनके साथ रहे।बाद में वह नीतीश सरकार में कृषि मंत्री भी रहे। 2020 में जब जदयू ने नरेंद्र के दोनों बेटों को टिकट नहीं दिया तब उन्होंने अपने बेटे सुमित ने निर्दलीय उतारा और जीत हासिल की।