Bihar Student Protest: शिक्षा के मंदिर में जब न्याय की देवी ही मुंह मोड़ ले, तब छात्रों का आक्रोश ज्वालामुखी बनकर फूटता है। लंबित परिणाम, अंकों की त्रुटियां और प्रवेश में धांधली की शिकायतें, छात्रों की उम्मीदों पर तुषारापात कर रही हैं।
वीसी के खिलाफ फूटा छात्रों का गुस्सा: नामांकन में धांधली और लंबित परिणामों पर बिहार स्टूडेंट प्रोटेस्ट का बड़ा ऐलान
विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी और बिहार स्टूडेंट प्रोटेस्ट
गया: मगध विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अनियमितताओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी के विरोध में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) का पुतला दहन किया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन मनमानी कर रहा है और उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। एनएसयूआई के सदस्यों ने लंबित परीक्षा परिणामों, अंकों में सुधार की समस्याओं और विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश में कथित धांधली को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि उनकी अकादमिक प्रगति अधर में लटकी हुई है, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष अमरजीत कुमार ने कहा कि छात्रों को बार-बार विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायतें अनसुनी की जा रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन की लगातार शैक्षणिक अनियमितताओं के कारण छात्रों का धैर्य अब जवाब दे रहा है।
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छात्रों की मुख्य माँगें और प्रशासन की चुप्पी
पुतला दहन कार्यक्रम में एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनकी प्रमुख मांगों में सभी लंबित परिणामों को तुरंत जारी करना, अंकों में सुधार के आवेदनों का त्वरित निस्तारण करना और प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना शामिल है। छात्रों ने कुलपति पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की भी मांग की। यह सिर्फ एक विश्वविद्यालय की कहानी नहीं, बल्कि राज्य भर के कई शिक्षण संस्थानों में छात्रों को ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस विरोध प्रदर्शन ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त कमियों को उजागर कर दिया है। छात्रों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण उनका भविष्य दांव पर लग गया है। एनएसयूआई ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी सभी माँगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




