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1 अक्टूबर, 2024
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बिहार में Ola और Uber की तर्ज पर मिलेंगे हार्वेस्टर-टैक्टर और कृषि उपकरण, ऐप और मोबाइल से किराए पर मंगाइए ट्रैक्टर समेत अन्य यंत्र

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बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी है। प्रदेश के किसान अब ओला (Ola) और उबर (Uber) की तरह किराए पर कृषि यंत्रों को मंगा सकते हैं। सीधे खेत तक कृषि यंत्र को पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से तैयारी लगभग पूरी है। जिस यंत्र की आपको जरूरत है उसकी बुकिंग एप से करें और उसका भुगतान करें।

जानकारी के अनुसार, बिहार के किसान अब ओला-उबर की तर्ज पर ट्रैक्टर समेत अन्य कृषि यंत्रों की ऑनलाइन बुकिंग कर उन्हें किराये पर मंगा सकेंगे। मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत पहले चरण में 2927 पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक बनाए जा रहे हैं। इसके लिए 439 करोड़ रुपये का फंड जारी हुआ है। अब तक 1803 पैक्सों में यंत्र बैंक बनकर तैयार हो गए हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना (Bihar Mukhyamantri Harit Krishi Sanyantra Yojana) के तहत पहले चरण में 2927 पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक बनाए जा रहे हैं। 439 करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया है। 1803 पैक्सों में यंत्र बैंक बन गए हैं। अभी यह काम ऑफलाइन हो रहा है। जल्द ही चुनिंदा पैक्सों में संयंत्र बैंक बनाकर मोबाइल एप से जोड़ा जाएगा। पढ़िए आज की ताजा क्या है

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बिहार का सहकारिता विभाग अगले सप्ताह से ओला-ऊबर की तर्ज पर करीब 3,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) में छोटे और सीमांत किसानों को कृषि उपकरण जैसे हार्वेस्टर और ट्रैक्टर किराए पर उपलब्ध कराने के लिए एक ऐप-आधारित प्रणाली शुरू करेगा।

अभी यह काम ऑफलाइन माध्यम से हो रहा है। मगर जल्द ही चुनिंदा पैक्सों में संयंत्र बैंक बनाकर इन्हें विशेष मोबाइल ऐप से जोड़ा जाएगा। ऐप निर्माण की प्रक्रिया आखिरी चरण में है। 15 जुलाई तक इसके शुरू होने की संभावना है। ऐप के जरिए कोई भी किसान अपने संबंधित पैक्स में मौजूद कृषि संयंत्र बैंक से ट्रैक्टर, रीपर, हैप्पी सीडर, लैंड लेव समेत अन्य सभी आधुनिक कृषि उपकरणों की बुकिंग कर सकेगा। किसानों को ये उपकरण बेहद किफायती दर से किराये पर मिलेंगे।

सहकारिता विभाग इस योजना का संचालन कर रहा है। इसके दसदूसरे चरण में राज्य के सभी 8463 पैक्सों को जोड़ा जाएगा। इस योजना से सूबे के छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों को फायदा होगा। क्योंकि पैसे की कमी के चलते वे महंगे कृषि उपकरण नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में उन्हें घर बैठे ये उपकरण किराये पर मिलने की सुविधा मिल सकेगी।

सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने कहा कि हम इस प्रणाली को अगले सप्ताह 2,927 पैक्स में एक ऐप के माध्यम से लॉन्च करने जा रहे हैं। नई सेवा की सफलता के आधार पर दूसरे चरण में बाकी पैक्स में सेवा शुरू की जाएगी।

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इस प्रणाली के तहत जिन किसानों के पास अपनी जमीन या अन्य खेती की जरूरतों के लिए कृषि उपकरण नहीं हैं, वे इसे ऐप के माध्यम से बुक कर सकेंगे और उपलब्धता के आधार पर मशीनों को उनके दरवाजे पर पहुंचा दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इसके किराये के बारे में कुछ नहीं बताया है कि लेकिन किराया घंटे के आधार पर होगा।

प्रेयसी ने कहा कि यह सेवा कैब बुकिंग की ऐप आधारित सेवा के समान है। नई सेवा के तहत शामिल किए जाने वाले कृषि उपकरणों की पहले ही मैपिंग कर ली गई है, ताकि मांग पर मशीनें आसानी से उपलब्ध हो सकें। यहां तक कि किसान जो पैक्स के सदस्य नहीं हैं, वे भी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। क्योंकि, इसका उद्देश्य किसानों को कृषि उपकरण आसानी से उपलब्ध कराना है। हमारा लक्ष्य पहले चरण में प्रत्येक पैक्स में 300 किसानों को शामिल करना है।

पैक्स ग्राम पंचायत स्तर पर काम करने वाली सहकारी समितियां हैं, जो किसानों को ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं और रबी और खरीफ मौसम में कटाई के बाद खाद्यान्न की खरीद में भी मदद करती हैं। किसानों को कृषि उपकरण किराए पर लेने की सेवा का लाभ उठाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर वाला एक कॉल सेंटर भी उपलब्ध कराया जाएगा।

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यह प्रणाली एक विकल्प है क्योंकि स्मार्ट फोन का कवरेज ग्रामीण क्षेत्रों में उतना नहीं है जितना कि शहरी क्षेत्रों में है। जिन किसानों के पास स्मार्ट फोन नहीं है या उन्हें ऐप डाउनलोड करने में कोई कठिनाई हो रही है, वे इस सेवा का लाभ उठाने के लिए आसानी से हेल्पलाइन नंबर का उपयोग कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण और उत्तरी बिहार के कृषि क्षेत्रों में हाल के वर्षों में ट्रैक्टर और हार्वेस्टर जैसे कृषि उपकरणों की उच्च मांग देखी गई है जबकि कई किसान मशीनें खरीदते हैं। मशीनों का उपयोग करने के इच्छुक किसानों के एक बड़े वर्ग को इसे स्थानीय लोगों से उच्च किराये पर लेना पड़ता है। नई सेवा प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश करेगी। अधिकारियों ने कहा कि सेवा का दूसरा चरण, जो लगभग 4,000 पैक्स को कवर करने का इरादा रखता है, किसानों द्वारा मुख्यमंत्री कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत सब्सिडी के माध्यम से खरीदे गए सभी कृषि उपकरणों का भी नक्शा तैयार करेगा।

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