पटना, देशज टाइम्स — बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण को और अधिक सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘बदलैन’ (अदला-बदली) वाली जमीन को मान्यता देने का बड़ा फैसला लिया गया है।
क्या है ‘बदलैन’ भूमि?
बदलैन उन जमीनों को कहते हैं जिनका मौखिक सहमति के आधार पर पहले से अदला-बदली (स्वैप) किया गया है।
अब तक इन जमीनों को कानूनी मान्यता नहीं मिल रही थी, लेकिन नए नियमों के तहत इन्हें मान्यता दी जाएगी।
नई सर्वेक्षण नियमावली: बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली, 2025
डॉ. एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव (एसीएस) ने बताया कि बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली, 2025 को मंजूरी दी गई है।
इसके तहत मौखिक सहमति पर आधारित बदलैन को अब नियमित किया जाएगा।
राजस्व और भूमि सुधार विभाग की ऑनलाइन सेवाएं जैसे दाखिल-खारिज, भूमि दखल और राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली को नई तकनीकों से अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
नई पदों की सृजन: भूमि अधिग्रहण और निगरानी के लिए
भूमि अधिग्रहण कार्यों की बढ़ोतरी को देखते हुए, 185 नए पदों का सृजन किया गया है।
इसमें 104 अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और 81 राजस्व अधिकारी-सह-कानूनगो (भू-अर्जन) पद शामिल हैं।
12.81 करोड़ रुपये के अनुमानित वार्षिक व्यय के साथ इन पदों की मंजूरी मिल चुकी है।
सर्वेक्षण और भूमि सुधार कार्य में नई क्रांति
राज्य में भूमि सर्वेक्षण के काम को पारदर्शी, तेज और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार नई तकनीकों का इस्तेमाल करेगी।
इससे आम लोगों और रैयतों को सीधा लाभ मिलेगा और सर्वेक्षण के दौरान की गई गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा।
यह नया कदम भूमि सर्वेक्षण और भूमि सुधार
बिहार सरकार का यह नया कदम भूमि सर्वेक्षण और भूमि सुधार प्रक्रिया को काफी प्रभावी बनाएगा। ‘बदलैन’ जमीनों को मान्यता मिलने से किसानों और रैयतों को सीधा लाभ होगा। नई पदों के सृजन से भूमि अधिग्रहण और निगरानी कार्यों को भी बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।