पटना, देशज टाइम्स: अगर आप जोमैटो, स्विगी, Pizza Hut, Domino, ओला, उबर, रैपिडो, ब्लू डार्ट, DTDC, Amazon, Flipkart में काम करते हैं, आपके लिए GOOD NEWS।
सरकार तोहफा देने की तैयारी में, बस कर लीजिए यह काम
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की बड़ी सौगात मिलने जा रही है। अब इन कंपनियों के कर्मियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा। ओला, उबर, फ्लिपकार्ट जैसे इन कर्मियों के लिए सरकार तोहफा देने की तैयारी है। बस, करना है आपको यह काम… 7 से 17 अप्रैल तक राज्यभर में चलने वाले ई-श्रम पंजीकरण अभियान का हिस्सा बनिए।
आपको 5 लाख रुपए तक की मिलेंगी यह सुविधा
अगर आप जोमैटो, स्विगी, पिज्जा हट, डोमिनोज, ओला, उबर, रैपिडो, ब्लू डार्ट, डीटीडीसी, अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट, बिगबास्केट आदि प्रतिष्ठानों से जुड़े हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। अब आयुष्मान भारत योजना के तहत आपको 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। इसके लिए गिग और प्लेटफार्म श्रमिकों हेतु विशेष ई-श्रम पंजीकरण शिविर लगाए जा रहे हैं।
राज्यभर में आयोजित हो रहे हैं विशेष शिविर
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने गिग एवं प्लेटफार्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय के निर्देश पर 7 अप्रैल से 17 अप्रैल 2025 तक पूरे बिहार राज्य में विशेष ई-श्रम पंजीकरण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
प्रत्येक जिले के श्रम अधीक्षक कार्यालय के माध्यम से इन शिविरों का संचालन हो रहा है।
कौन कर सकते हैं पंजीकरण?
16 से 69 वर्ष आयु वर्ग के सभी गिग एवं प्लेटफार्म श्रमिक।
जोमैटो, स्विगी, पिज्जा हट, डोमिनोज, ओला, उबर, रैपिडो, ब्लू डार्ट, डीटीडीसी, अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट, बिगबास्केट आदि में कार्यरत श्रमिक।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज:
आधार कार्ड (मोबाइल से लिंक होना चाहिए)।
पैन कार्ड।
अन्य आवश्यक दस्तावेज।
स्व-पंजीकरण भी उपलब्ध
श्रम विभाग ने बताया कि ई-श्रम मोबाइल एप के माध्यम से भी श्रमिक स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं।
सरकार की अपील
श्रम संसाधन विभाग ने सभी पात्र श्रमिकों से आग्रह किया है कि वे समय पर शिविर में पहुंचकर निःशुल्क पंजीकरण कराएं और सरकार की इस महत्त्वपूर्ण योजना का लाभ उठाएं।
एक बड़ा कदम असंगठित क्षेत्र के लिए
यह पहल असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक सशक्त कदम मानी जा रही है। इससे श्रमिकों और उनके परिवारों को गंभीर बीमारी की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।