…और धीरे से रात के अंधेरे में सरकार, मंत्री और अफसरशाही में समझौता हो गया। यह होना ही था, क्योंकि अब अफसरशाही सरकार का एक हिस्सा बन चुका है। चाहे, चुनाव के दौरान जनता की भीड़ जुटानी हो या फिर खैनी लगाकर हंसोड़ बनना हो, जूते का फीता बंधवाना हो, हर जगह अफसरशाही और राजनेताओं का संबंध जगजाहिर है।
मगर, ताजा मामला है बिहार विधानसभा में 24 घंटे पहले के सियासी क्रम का जिसका पटाक्षेप रात के अंधेरे में हो गया है। आज सुबह उसका परिणाम सामने आया जब मंत्री जीवेश मिश्रा ने पटना के डीएम और एसएसपी को माफ कर दिया। क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन, विषहीन, विनीत, सरल हो.” रामधारी सिंह दिनकर की कविता का ये अंश बोलते हुए बीजेपी कोटा के मंत्री जीवेश मिश्रा ने शुक्रवार को उन अधिकारियों को माफ करने का एलान किया, जिन्हें गुरुवार को वे निलंबित कराने पर तुले हुए थे।
वहीं, आज से एक दिन पहले गुरुवार को प्रश्नोत्तर काल के दौरान भी आरोप लगाया था कि उन्हें पटना के डीएम और एसएसपी ने अपमानित किया। इसके बाद ना केवल विधानसभा बल्कि सरकार के स्तर पर भी हड़कंप मच गया था। अब पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, मंत्री की गाड़ी को रोककर पटना के डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा के वाहन को विधानसभा में पहले प्रवेश देने को लेकर गुरुवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था। मंत्री ने इस वाकए के बाद विस गेट पर ही खुले तौर पर नाराजगी जताई।
सदन के अंदर भी जाकर सरकार और विस अध्यक्ष से कार्रवाई के लिए कहा। इस मामले में वरीय अधिकारियों के दखल के बाद गुरुवार की ही रात डीएम और एसएसपी ने मंत्री के आवास पर जाकर मुलाकात की। बताया कि यह सब गलतफहमी में हो गया।
जीवेश मिश्रा के मसले पर विधानसभा में पहले हंगामा हुआ। फिर बाद में अध्यक्ष ने इस मसले पर डीजीपी तक को तलब कर दिया। आज सुबह जांच रिपोर्ट देने का आदेश भी दिया गया। विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार को तो खत्म हो गई लेकिन उसके बाद सरकार के स्तर पर डैमेज कंट्रोल की कवायद जारी रही। अब ठीक 24 घंटे बाद मंत्री जीवेश मिश्रा ने आज प्रश्नोत्तर काल के दौरान ही विधानसभा में इस बात की जानकारी दी है कि उन्होंने अधिकारियों को माफ कर दिया है।
दरअसल बीती रात पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा चुपके से मंत्री के आवास पर गए थे। वहां मीडिया का जमावड़ा लग गया। इसके बाद डीएम और एसएसपी वहां से निकल गए मंत्री जीवेश मिश्रा ने रात के वक्त तो कुछ नहीं कहा, लेकिन आज विधानसभा में उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि डीएम और एसएसपी उनसे माफी मांगने आए थे। अब मंत्री जी ने दोनों अधिकारियों को माफ कर दिया है और इसके साथ ही इस पूरे घटनाक्रम का पटाक्षेप भी हो गया है।
जानकारी के अनुसार, देर शाम मंत्री जीवेश कुमार के आवास पर जाकर डीएम व एसएसपी ने पूरे मामले में मंत्री को सफाई दी। दोनों कहा कि उन लोगों की कोई गलती है। पुलिस कर्मियों से गफलत चूक हुई है, लेकिन मंत्री ने दो टूक कहा कि निलंबन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
हालांकि आज सुबह मंत्री के तेवर थोड़े नर्म जरूर नजर आ रहे हैं। इस मामले ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। राज्य में अफसरशाही के हावी होने का आरोप पहले से लगता रहा है। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री भी यह सवाल लगातार ही उठाते रहे हैं।
इससे पहले इस मामले में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने भी कहा था कि जो कुछ हुआ अंजाने में हुआ। किसी ने जानबूझकर नहीं किया। हम जांच करेंगे। वहीं, मंत्री की ओर से नाराजगी जताए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मामले हस्तक्षेप किया था।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा था, कि यह आपके क्षेत्राधिकार का मामला है। संबंधित मंत्री ने भी आपसे संरक्षण मांगा है, हम सरकार की तरफ से सदन को आश्वस्त करते हैं कि जिस अधिकारी ने इस प्रकार का दुर्व्यवहार या व्यवहार मंत्री के साथ किया होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मगर अब मामला पूरी तरह शांत हो गया है।
वहीं, तेजप्रताप ने साधा जमकर निशाना
राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने पूरे मामले पर ट्वीट कर मंत्री जीवेश कुमार के साथ-साथ नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया। तेजप्रताप यादव ने ट्वीट में लिखा, ले लोटा, अब आधी रात को मिश्राजी भी ‘पलटू कुमार’ की तरह पलटी मार गए..! ध्यान देने योग्य बातें, मैं बात उस भीगी बिल्ली की कर रहा हूं जो कल अपने-आप को ‘सरकार’ बता रहा था।
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