Kala-azar detection: जीवन के रंग छीन लेने वाली कालाजार जैसी बीमारियों से समाज को बचाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। एक मजबूत दीवार की तरह, घर-घर दस्तक देकर बीमारी की जड़ काटने का अभियान शुरू किया गया है।
बिहार में Kala-azar detection: घर-घर जाकर मरीजों की पहचान का आदेश, पीएचसी प्रभारी ने बुलाई बैठक
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में Kala-azar detection की रणनीति
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता पीएचसी प्रभारी डॉ. मुकेश कुमार ने की, जिसका मुख्य उद्देश्य कालाजार के मरीजों की पहचान को लेकर एक सशक्त कार्ययोजना तैयार करना था। डॉ. कुमार ने सभी संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर कालाजार के संभावित मरीजों की पहचान करें। इस पहल से बीमारी के शुरुआती चरण में ही उसका पता लगाकर उचित उपचार सुनिश्चित किया जा सकेगा, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बैठक में उपस्थित सभी एएनएम, आशा कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को कालाजार के लक्षणों और पहचान की विधियों के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्हें यह भी समझाया गया कि कैसे संदिग्ध मामलों को तुरंत उच्च स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाया जाए ताकि समय रहते उनका इलाज शुरू हो सके। यह स्वास्थ्य अभियान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चलाया जाएगा।
डॉ. मुकेश कुमार ने जोर देकर कहा कि कालाजार एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर पहचान और उपचार से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस स्वास्थ्य अभियान की सफलता ही क्षेत्र को कालाजार मुक्त बनाने की कुंजी है। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने और एक भी संदिग्ध मरीज को न छूटने देने का संकल्प दिलाया गया। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
कालाजार उन्मूलन की दिशा में ठोस कदम
यह अभियान न केवल मरीजों की पहचान पर केंद्रित होगा, बल्कि लोगों को कालाजार के प्रति जागरूक करने का भी काम करेगा। स्वास्थ्यकर्मी लोगों को बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देंगे। सामुदायिक सहभागिता इस अभियान की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। स्वास्थ्य विभाग का यह कदम राज्य से कालाजार जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक बड़ा और प्रभावी प्रयास है। इस तरह के सघन अभियान से ही सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है।




