Kidney Transplant: बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पल।
Kidney Transplant: जब जिंदगी की डोर थमती सी महसूस हो, और आशा की किरण धुंधली पड़ने लगे, तब माँ का प्यार और विज्ञान का चमत्कार मिलकर एक नया सवेरा लाते हैं। बिहार के सीतामढ़ी के जसविंदर कुमार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिनकी जिंदगी बचाने के लिए उनकी मां मधु देवी ने अपनी किडनी दान कर एक अद्भुत मिसाल पेश की। पटना के प्रतिष्ठित NDHA आरोग्यम अस्पताल में हुए इस सफल किडनी ट्रांसप्लांट ने न सिर्फ जसविंदर को नया जीवन दिया, बल्कि बिहार की उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं को भी एक नई पहचान दिलाई है। जसविंदर कई महीनों से किडनी संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे, और उनकी उम्मीदें लगभग टूट चुकी थीं।
ऐसे विकट समय में उनकी मां मधु देवी एक मजबूत ढाल बनकर सामने आईं। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने बेटे को अपनी किडनी दान करने का फैसला किया। यह सिर्फ एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि मातृत्व के असीम प्रेम और त्याग की अविस्मरणीय गाथा है। इस फैसले ने डॉक्टरों की टीम को भी एक नया उत्साह दिया। अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम ने जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन कई घंटों तक चला, और हर पल जसविंदर के परिवार के लिए बेहद तनावपूर्ण था। लेकिन डॉक्टरों की लगन और अत्याधुनिक सुविधाओं ने इस चुनौती को आसान बना दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Kidney Transplant: कैसे हुआ सीतामढ़ी के जसविंदर का सफल किडनी ट्रांसप्लांट?
दरअसल, सीतामढ़ी के रहने वाले जसविंदर कुमार की दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी, जो उनके जीवन के लिए एकमात्र विकल्प था। इस गंभीर स्थिति में उनकी मां मधु देवी ने आगे बढ़कर अपनी किडनी दान करने का प्रस्ताव रखा। सभी मेडिकल जांचों के बाद, मां और बेटे के टिश्यू मैच हुए और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को हरी झंडी मिल गई। NDHA आरोग्यम अस्पताल के अनुभवी सर्जनों ने पूरी सावधानी और विशेषज्ञता के साथ इस संवेदनशील ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिससे जसविंदर को नई जिंदगी मिली।
इस पूरे उपचार में मुख्यमंत्री राहत कोष (CM Relief Fund) की भी अहम भूमिका रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानवता के इस कार्य में अपना सहयोग देकर यह सुनिश्चित किया कि आर्थिक बाधाएं इस जीवनदान की राह में रोड़ा न बनें। जसविंदर और उनका परिवार मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कर रहा है। इस सहायता ने न केवल परिवार पर वित्तीय बोझ कम किया, बल्कि जसविंदर को समय पर आवश्यक चिकित्सा भी सुनिश्चित की।
मां का त्याग और चिकित्सा विज्ञान का अद्भुत संगम
मधु देवी ने ऑपरेशन के बाद अपने बेटे को स्वस्थ देखकर कहा, “अपने बच्चे को तकलीफ में देखना किसी भी मां के लिए सबसे मुश्किल होता है। मुझे खुशी है कि मैं अपने बेटे को यह जीवनदान दे पाई।” उनके इस साहसिक निर्णय ने कई लोगों को अंगदान के महत्व पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। यह एक ऐसा कदम है जो अनगिनत जिंदगियों को बचा सकता है। मां का यह त्याग एक मिसाल है जो समाज में प्रेम और निस्वार्थ सेवा का संदेश देता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बिहार में इस तरह के सफल और जटिल ऑपरेशन का होना राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं में आए सुधार का प्रतीक है। अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता कम हो रही है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यह सुविधाएँ स्थानीय लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं, जो अब अपने ही राज्य में विश्वस्तरीय चिकित्सा प्राप्त कर सकते हैं। NDHA आरोग्यम अस्पताल जैसे संस्थान बिहार को चिकित्सा हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
बिहार की स्वास्थ्य सुविधाओं में नई क्रांति
अत्याधुनिक उपकरण, प्रशिक्षित डॉक्टर और समर्पित स्टाफ मिलकर मरीजों को बेहतर इलाज प्रदान कर रहे हैं। इस सफल ट्रांसप्लांट ने यह साबित कर दिया है कि बिहार अब जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए भी सक्षम है। आने वाले समय में बिहार चिकित्सा के क्षेत्र में और भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और अधिक से अधिक लोगों को उनके घर के करीब ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


