बिहार के स्कूलों की हर इंच जमीन का होगा हिसाब, 3400 स्कूलों की होगी जांच, अवैध कब्जे पर चलेगा बुलडोजर! जमीन की होगी मापी, अब कोई नहीं कब्जा कर पाएगा स्कूल की ज़मीन! सरकारी स्कूलों की जमीन पर शिक्षा विभाग की बड़ी पहल। सर्वे कर बनाए जाएंगे रिकॉर्ड, अतिक्रमण होगा खत्म।कब्जे की कहानी खत्म! अब हर स्कूल की जमीन होगी सुरक्षित, दस्तावेज़ होंगे पक्के।@पटना,देशज टाइम्स।
सरकारी स्कूलों की जमीन का नहीं होगा अब अतिक्रमण
@पटना,देशज टाइम्स। बिहार में सरकारी स्कूलों की जमीन को लेकर शिक्षा विभाग ने एक अहम और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के सभी स्कूल परिसरों की जमीन का सर्वे कर उसका रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। यह फैसला अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर लिया गया है, जिसके तहत हर जिले में ज़िला शिक्षा कार्यालय इसकी निगरानी करेगा।
शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ के निर्देश पर
शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ के निर्देश पर जिला शिक्षा कार्यालय ने जिले के सभी सरकारी स्कूलों की जमीन की मापी कराने का निर्णय किया है। अधिकारी स्कूलों की जमीन का लेखा-जोखा रखेंगे। साथ ही एक अलग संभाग बनाया जाएगा। इसमें प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक रिकॉर्ड संधारित होगा।
3400 स्कूलों की जमीन होगी मापी
विषय | विवरण |
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कुल सरकारी स्कूल | लगभग 3400 (प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक) |
समस्या | कई स्कूलों की जमीन का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं |
मुख्य समस्या | ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अतिक्रमण |
समाधान | जमीन की मापी, नक्शा तैयार, रकबा दर्ज, अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया |
स्पष्ट रिकॉर्ड से होगा समाधान
अब प्रत्येक स्कूल का भू-राजस्व रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इसके तहत नक्शा, खेसरा नंबर, रकबा, दानदाता का विवरण, अतिक्रमण की स्थिति शामिल होंगे। इस काम के लिए विशेष भू-राजस्व अधिकारी नियुक्त होंगे। जिन स्कूलों की जमीन पर अवैध कब्जा है, वहां पुलिस प्रशासन की मदद से जमीन खाली कराई जाएगी।
अतिक्रमण मुक्त स्कूल, बेहतर विकास
खाली कराई गई जमीन पर ऊंची दीवारें बनाई जाएंगी ताकि भविष्य में अतिक्रमण न हो। जिन स्कूलों में भवन की कमी है, वहां नए कक्षों का निर्माण किया जाएगा। जिन परिसरों में दो या तीन स्कूल एक साथ संचालित हो रहे हैं, उनके लिए नया परिसर बनाया जाएगा।प्रत्येक जिले में अलग संभाग बनाया जाएगा और रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा। जमीन की मापी के लिए स्थानीय अंचल अधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा। अमीन की व्यवस्था कर जमीन की सटीक मापी कराई जाएगी और राजस्व नक्शा भी निकाला जाएगा।
दानदाता की जमीन पर संचालित स्कूलों की जांच
कई स्कूल बिना कागजी दस्तावेजों के दान में मिली जमीन पर चल रहे हैं। अब उनके वारिस जमीन पर स्वामित्व का दावा कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार, कई सरकारी स्कूल ऐसे दानदाता की जमीन पर संचालित हो रहे हैं, जिन्होंने बिना दस्तावेजी प्रक्रिया के वर्षों पहले जमीन दी थी। अब उनकी संतानों की ओर से जमीन पर स्वामित्व का दावा किया जा रहा है।
अतिक्रमण हटने के बाद नए परिसर का निर्माण
मापी प्रक्रिया के बाद यह साफ हो जाएगा कि वास्तव में स्कूल की सीमा कितनी है और किसके नाम पर है। कुछ जगहों पर एक ही परिसर में दो या तीन स्कूल संचालित हो रहे हैं। जगह की कमी के कारण कई स्कूलों का संविलियन किया गया है। जमीन की मापी और अतिक्रमण हटने के बाद नए परिसर का निर्माण कर सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।