पटना/देशज टाइम्स। बिहार सरकार ने विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए एक और बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया है। जहां पहले IAS और IPS अधिकारियों का तबादला किया गया, वहीं अब 36 उप-विभागीय पदाधिकारियों (SDO) का तबादला भी कर दिया गया है। यह आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया है और तत्काल प्रभाव से लागू माने जाएंगे।
बिहार में एसडीओ तबादला सूची (2025): कौन कहां गए?
नाम | नया पदस्थापन (SDM) |
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अविनाश कुमार | बक्सर सदर |
केशव आनंद | नीमचक बथानी |
स्वतंत्र कुमार सुमन | रजौली |
अनिल कुमार | गोपालगंज सदर |
विकास कुमार | बेतिया सदर |
चंदन कुमार झा | मधुबनी सदर |
अनीश कुमार | फुलपरास |
किशन कुमार | दलसिंहसराय |
श्रेयांश तिवारी | सहरसा सदर |
आलोक राय | सिमरी बख्तियारपुर |
धीरज कुमार सिन्हा | निर्मली, सुपौल |
अभिषेक रंजन | बायसी |
अनुपम | धमदाहा |
त्रिलोकी नाथ सिंह | मनिहारी, कटिहार |
विकास कुमार | भागलपुर सदर |
सौरभ कुमार | जमुई |
धनंजय कुमार | खगड़िया सदर |
तरणिजा (सुश्री) | बलिया |
पंकज कुमार घोष | उदाकिशुनगंज |
प्रभाकर कुमार | लखीसराय |
प्रभात कुमार | बिक्रमगंज, रोहतास |
चंदन कुमार | बाढ़ |
अमित कुमार पटेल | हिलसा, नालंदा |
नितेश निलेश कुमार | डेहरी ऑन सोन |
मनीष कुमार | शेरघाटी |
मनीष कुमार | रक्सौल |
संदीप कुमार | रोसड़ा, समस्तीपुर |
रंजीत कुमार रंजन | फारबिसगंज |
प्रमोद कुमार | बनमखी |
सारंग पानी पांडे | बेनीपट्टी |
राजकुमार | बांका |
अभिषेक कुमार | त्रिवेणीगंज, सुपौल |
कुमार अभिषेक | मुंगेर सदर |
गौरव कुमार | पुपरी, सीतामढ़ी |
अभिषेक कुमार | मसौढ़ी |
सरकार का उद्देश्य: प्रशासनिक मजबूती और निष्पक्ष चुनाव
तबादले का मकसद चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और व्यवस्थित बनाना है। सेंसिटिव क्षेत्रों में अनुभवी अधिकारियों की तैनाती। सरकार की मंशा स्पष्ट – अफसरशाही में पारदर्शिता और जवाबदेही।
विश्लेषण: चुनावी सत्र से पहले सक्रिय हुआ प्रशासन
राजनीतिक और प्रशासनिक विशेषज्ञों के अनुसार: इन तबादलों से संकेत मिलता है कि राज्य सरकार ब्यूरोक्रेसी को चुस्त-दुरुस्त करके चुनावी तैयारी में जुट गई है। SDO स्तर पर फेरबदल से जमीनी प्रशासन में सुधार और लोक व्यवस्था बनाए रखने में सहूलियत होगी। इससे स्थानीय प्रशासनिक मशीनरी और चुनावी आयोग के निर्देशों के अनुपालन में तेजी आएगी।
चुनाव से पहले क्या संकेत देता है यह कदम?
स्थानीय प्रशासन को मजबूत करना। विकास योजनाओं का निरीक्षण तेज करना। चुनावी जिलों में भरोसेमंद अधिकारियों की तैनाती। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तबादला राजनीतिक रणनीति और प्रशासनिक दक्षता को ध्यान में रखकर किया गया है।
प्रशासनिक सर्जरी से चुनावी तैयारी
बिहार सरकार की यह प्रशासनिक सर्जरी बताती है कि चुनाव से पहले सुशासन और अनुशासन पर सरकार का फोकस बढ़ा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह फेरबदल सरकार को जमीनी स्तर पर फायदा पहुंचा पाएगा या नहीं।