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27 नवम्बर, 2025

डिग्री है पर नौकरी नहीं? पटना में छात्रों के भविष्य पर हुआ ‘मंथन’, उद्योग जगत ने दिखाई भविष्य की राह

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पटना से जुड़ी यह खबर छात्रों के भविष्य और उनके करियर की चिंता करने वाले हर व्यक्ति के लिए है. क्या कॉलेज की डिग्री नौकरी की गारंटी है? इसी यक्ष प्रश्न का जवाब ढूंढने और भविष्य की राह तैयार करने के लिए जब शिक्षा और उद्योग जगत के दिग्गज एक मंच पर आए, तो कई महत्वपूर्ण बातें सामने आईं.

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गुरुवार को पटना के प्रतिष्ठित एएन कॉलेज में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मेधा लर्निंग फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ‘मंथन-रोजगार संवाद’ नामक इस कार्यक्रम ने उस गंभीर मुद्दे पर चर्चा की, जो आज के दौर में हर छात्र और अभिभावक के लिए चिंता का विषय है – पढ़ाई पूरी होने के बाद रोजगार कैसे मिलेगा?

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इस संवाद का मुख्य उद्देश्य अकादमिक दुनिया और कॉर्पोरेट जगत के बीच की खाई को पाटना था. अक्सर यह देखा जाता है कि छात्र कॉलेजों से डिग्री तो हासिल कर लेते हैं, लेकिन उनके पास उन प्रैक्टिकल स्किल्स की कमी होती है, जिनकी उद्योग जगत को तलाश होती है. यह कार्यक्रम इसी अंतर को कम करने की एक महत्वपूर्ण पहल थी.

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शिक्षा और उद्योग के बीच सेतु बनाने की पहल

विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि शिक्षण संस्थान और उद्योग मिलकर काम करें. केवल सैद्धांतिक ज्ञान देने के बजाय, कॉलेजों को ऐसा पाठ्यक्रम विकसित करना चाहिए जो छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार करे. इस संवाद में इसी तालमेल को स्थापित करने के संभावित तरीकों पर गहन विचार-विमर्श हुआ.

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कार्यक्रम में इस बात पर भी चर्चा हुई कि किस तरह उद्योग जगत अपनी जरूरतों के बारे में शिक्षण संस्थानों को समय पर जानकारी दे सकता है, ताकि वे अपने छात्रों को उसी के अनुसार प्रशिक्षित कर सकें. इसका लक्ष्य एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना है, जहां से निकलने वाले छात्र नौकरी के लिए पूरी तरह तैयार हों.

इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल स्किल्स पर रहा फोकस

‘मंथन-रोजगार संवाद’ में इंटर्नशिप की महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष जोर दिया गया. वक्ताओं का मानना था कि इंटर्नशिप छात्रों को किताबी ज्ञान से बाहर निकलकर कॉर्पोरेट माहौल में काम करने का अनुभव प्रदान करती है. इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि शिक्षण संस्थान और कंपनियां मिलकर सार्थक इंटर्नशिप के अवसर पैदा करें.

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इस कार्यक्रम के दौरान चर्चा के मुख्य बिंदु रहे:

  • छात्रों को सॉफ्ट स्किल्स, कम्युनिकेशन और प्रॉब्लम-सॉल्विंग जैसे गुणों में प्रशिक्षित करना.
  • कॉलेजों में इंडस्ट्री के विशेषज्ञों द्वारा नियमित गेस्ट लेक्चर और वर्कशॉप का आयोजन.
  • ऐसे प्रोजेक्ट्स और असाइनमेंट तैयार करना जो वास्तविक औद्योगिक समस्याओं पर आधारित हों.
  • एक मजबूत प्लेसमेंट सेल और इंडस्ट्री नेटवर्क का निर्माण करना.

कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम बिहार के छात्रों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित हुआ.

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